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प्रत्येक उम्मीदवार को देना होगा अपराधिक रिकार्ड का विवरण, नामांकन पत्र के साथ जमा करना होगा शपथ पत्र


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2023 की अधिसूचना 21 अक्टूबर को जारी की जाएगी। इसी दिन से नामांकन पत्र दाखिल करने प्रक्रिया आरंभ होगी। कलेक्ट्रेट कार्यालय सतना में विधानसभा क्षेत्र चित्रकूट, रैगांव, सतना, नागौद, अमरपाटन और रामपुर बघेलान विधानसभा क्षेत्र के लिए नामांकन पत्र दाखिल किये जायेगे। आवेदन पत्रों को जमा करने के लिए रिटर्निंग आफीसर, सहायक रिटर्निंग आफीसर तथा उनके सहायक कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। नामांकन पत्र के साथ प्रत्येक उम्मीदवार को अपराधिक रिकार्ड का विवरण भी देना होगा।
सभी उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल करते समय निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन करते हुये नामांकन पत्र के साथ उम्मीदवार निर्धारित प्रपत्र 26 में आपराधिक प्रकरण के संबंध में शपथ पत्र देंगे। माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के अनुसार उम्मीदवार को अपने पूर्व के प्रचलित आपराधिक प्रकरण एवं दोषसिद्ध प्रकरण के संबंध में घोषणा पत्र देना होगा। उम्मीदवार निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप में सभी विवरण दर्ज करके नामांकन पत्र के साथ प्रस्तुत करेंगे। यदि उम्मीदवार किसी राजनैतिक दल कि ओर से चुनाव लड़ रहा है तो उसे आपराधिक प्रकरण के संबंध में उस राजनैतिक दल को भी सूचना देनी होगी। राजनैतिक दल उम्मीदवार के लंबित आपराधिक प्रकरण कि जानकारी दल की वेबसाइट पर दिखाएंगे। साथ ही राजनैतिक दल इस संबंध में एक घोषणा जारी करेंगे जिसे समाचार पत्रो एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रसारित प्रकाशित करना आवश्यक होगा। नामांकन पत्र भरने के बाद कम से कम तीन बार लंबित आपराधिक प्रकरण के संबंध में घोषणा स्थानीय समाचार पत्रों एवं टीव्ही चैनलों में प्रसारित करना अनिवार्य होगा। इनका प्रसारण नाम वापसी कि समय सीमा समाप्त होने से मतदान के 48 घंटे पहले तक कि अवधि में किया जाना है।
आयोग द्वारा आपराधिक प्रकरणो कि जानकारी देने के लिए प्रपत्र सी-1 निर्धारित किया गया है। उम्मीदवार प्रपत्र सी-2 में अपने राजनैतिक दल को लंबित प्रकरणो की जानकारी देंगे। जिसे दल की वेबसाइट में प्रदर्शित किया जाएगा। उम्मीदवार प्रपत्र सी-3 में रिटार्निग आफीसर को लिखित में जानकारी देंगे तथा प्रपत्र 26 में शपथ प्रस्तुत देंगे। प्रपत्र 26 के कॉलम 5 एवं 6 में आपराधिक प्रकरणो कि जानकारी दी जायेगी। सभी उम्मीदवार इन निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करेंगे।

  • स्वयं के सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट किये गये फोटो, वीडियो, मैसेज और कमेंट्स के प्रमाणन की आवश्यकता नहीं
  • ई-पेपर को जारी किये जाने वाले विज्ञापनों का प्रमाणन जरूरी

भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान वेबसाईट, ब्लाँग अथवा ट्विटर, फेसबुक जैसे स्वयं के सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट और अपलोड की जाने वाली राजनैतिक सामग्री मसलन मैसेज, कमेंट्स, फोटो एवं वीडियो का पूर्व प्रमाणन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। आयोग ने कहा है कि यदि कोई राजनैतिक दल अथवा उम्मीदवार भी स्वयं के ब्लॉग, वेबसाईट अथवा सोशल मीडिया एकाउंट पर इस तरह की सामग्री चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पोस्ट या अपलोड करता है तो उसे राजनैतिक विज्ञापन नहीं माना जायेगा और इसके लिए उसे मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मॉनीटरिंग कमेटी से प्री-सर्टिफिकेशन की आवश्यकता नहीं होगी।
निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अपने स्वयं के सोशल मीडिया एकाउंट, वेबसाईट, ब्लॉग एवं ई-मेल आई.डी. का उल्लेख नाम-निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत किये जाने वाले शपथ पत्र में अनिर्वाय रूप से करना होगा। हालांकि आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ब्लॉग, वेबसाईट अथवा सोशल मीडिया के स्वयं के एकाउंट से पोस्ट या अपलोड किये गये मैसेज, कमेंट्स, चित्र एवं वीडियो से यदि किसी व्यक्ति, समुदाय, धर्म, सम्प्रदाय की भावनायें आहत होती है तो उसे आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में माना जायेगा और इसके लिए उस व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही भी की जायेगी।
भारत निर्वाचन आयोग ने समाचार पत्रों के ई-पेपर पर दिये जाने वाले राजनैतिक विज्ञापनों के बारे में भी स्थिति स्पष्ट की है। आयोग ने कहा है कि ई-पेपर पर दिये जाने वाले राजनैतिक विज्ञापन का भी प्री-सर्टिफिकेशन संबंधित राजनैतिक दल या उम्मीदवारों को कराना जरूरी होगा।

बल्क में भेजे जाने वाले एसएमएस और वॉयस मैसेज का भी कराना होगा प्रमाणन

भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार के लिए राजनैतिक दलों, उम्मीदवारों एवं उनके समर्थकों द्वारा मोबाइल पर भेजे जाने वाले एसएमएस और वॉयस मैसेज का भी इन्हें जारी करने के पूर्व मीडिया प्रमाणन एवं मीडिया निगरानी समिति से प्रमाणित कराना अनिवार्य किया है।
आयोग ने कहा है कि यह जरूरी है कि बल्क एसएमएस एवं वॉयस मैसेज की भी मॉनीटरिंग की जाये। ताकि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान इस सुविधा का दुरूपयोग न हो सके तथा निर्वाचन नियमों एवं आदर्श आचार संहिता का किसी तरह से उल्लंघन न हो। आयोग ने बल्क एसएमएस को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का ही एक हिस्सा मानते हुए कहा है कि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भेजे जाने वाले सभी तरह के बल्क एसएमएस एवं वॉयस मैसेज भेजने पर किया गया खर्च राजनैतिक दलों एवं उम्मीदवारों को निर्वाचन व्यय लेखे में शामिल करना होगा। आयोग ने कहा सभी मोबाइल सेवा प्रदाता कम्पनियों को भी इन निर्देशों का पालन करना होगा।

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