M.P high court: digi desk/BHN/ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में साफ किया कि कोई शासकीय कर्मी सेवानिवृत्ति की कगार पर हो, तो उसे दूसरी जगह तबादला करके परेशान करना ठीक नहीं। लिहाजा, उसे वर्तमान जगह पदस्थ रखा जाए। इस मत के साथ हाई कोर्ट ने जिला सागर अंतर्गत बीना इटावा नगर पालिका परिषद में पदस्थ सीएमओ पूरन सिंह बुंदेला के तबादले पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने अपने आदेश में साफ किया कि याचिकाकर्ता की सेवानिवृत्ति में महज डेढ़ माह शेष है, अत: वर्तमान जगह ही पदस्थ रखा जाए। जबकि उसकी जगह पर ग्वालियर से स्थानांतरित होकर आए रामवरन सिंह राजौरिया को बीना इटावा नगर पालिका परिषद में डेढ़ माह अन्य जिम्मेदारी दे दी जाए। याचिकाकर्ता के सेवानिवृत्त होने के बाद वह सीएमओ पद की जिम्मेदारी संभाल लेगा।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत सिंह, अधिवक्ता माला सिंह व अंशुल तिवारी ने रखा। उन्होंने दलील दी कि 31 जनवरी, 2021 को याचिकाकर्ता सेवानिवृत्त हो जाएगा। इसके बावजूद उसे बीना इटावा नगर पालिका परिषद से सागर स्थानांतरित कर दिया गया है। जबकि उसकी जगह पर ग्वालियर से रामवरन सिंह राजौरिया को भेज दिया गया है। चूंकि स्थानांतरण नीति के तहत सेवानिवृत्ति में कम समय शेष रहने पर स्थानांतरण नहीं किया जाना चाहिए, अत: याचिकाकर्ता के तबादले पर रोक अपेक्षित है। जब तक वह सीएमओ बतौर कार्यरत है, तब तक रामवरन सिंह राजौरिया सीएमओ से इतर कोई काम देखें, ऐसी व्यवस्था की जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि एक ने ज्वाइनिंग दे दी है, जबकि दूसरा अभी रिलीव नहीं हुआ है। इसलिए निर्देश का पालन किया जाए और याचिकाकर्ता को हटाया न जाये। गलती प्रशासन की है, अतः सुधार किया जाए। निर्देश का उल्लंघन अवमानना की परिधि में आएगा। इसलिए पालन किया जाए। याचिकाकर्ता जैसे कार्य कर रहा था, उसी तरह सेवानिवृत्त होने तक करता रहे। दूसरा अधिकारी उसी जगह कुछ दिन काटे। इसके बाद याचिकाकर्ता के रिक्त स्थान पर पदभार संभाल ले।