Vrat tyohar raksha bandhan bhadra yog bhadras shadow will remain for the whole day on raksha bandhan: digi desk/BHN/ग्वालियर/ रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल 30 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा पर पूरे दिन भद्रा होने की वजह से रक्षाबंधन 31 अगस्त को मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि 30 अगस्त सुबह 10.58 बजे से पूर्णिमा प्रारम्भ होगी और 31 अगस्त को सुबह 07.05 पर समाप्त होगी। इसी के साथ 30 अगस्त को सुबह 10.58 बजे से भद्रा लग जाएगी और रात 9.01 बजे तक रहेगी। इस साल भद्रा रक्षाबंधन के दिन पृथ्वी पर वास करेंगी, जिस कारण से भद्रा में राखी बांधना शुभ नहीं रहेगा।
रक्षाबंधन का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत ही खास माना जाता है। हर साल इस पर्व को बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार में बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधते हुए उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं भाई बहन को उपहार देते हुए हमेशा उसकी रक्षा करने का संकल्प लेता है। हिंदू पंचांग के अनुसार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार हर वर्ष श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू धर्म के मुहूर्त
– तिथि और काल का बहुत महत्व है। शास्त्र के अनुसार, अगर श्रावण पूर्णिमा पर भद्रा का साया है, तो राखी नहीं बांधना चाहिए। भद्रा के समाप्त होने के बाद ही राखी बांधनी चाहिए। भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है।
– इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 30 अगस्त रात्रि 09.01 बजे से 31 अगस्त दो दिन मनाया जाएगा। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व हमेशा ही भद्रा रहित काल में मनाया जाता है।