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MP: हाई कोर्ट ने पूछा-‘सरकार ने हड़ताली नर्सेस के विरुद्ध अब तक क्या कार्रवाई की‘

Madhya pradesh jabalpur the high court asked what action has the government taken so far against the striking nurses: digi desk/BHN/जबलपुर/हाई कोर्ट ने प्रदेश में नर्सेस की कामबंद हड़ताल के सिलसिले में सरकार से जवाब-तलब कर लिया है। इसके तहत पूछा गया है कि सरकार ने हड़तालियों के विरुद्ध अब तक क्या कार्रवाई की। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सरकार को दो दिन के भीतर शपथ पत्र पर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि सरकार अपने कर्तव्य पालन करने में असफल रहती है तो न्यायालय सख्त आदेश पारित करने से परहेज नहीं करेगी। मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को फिर से होगी।

2021 में भी अवैध घोषित की गई थी नर्सों की हड़ताल

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व वर्ष 2021 में कोविड के दौरान नर्सेस की हड़ताल को चुनौती दी गई थी। तब हाई कोर्ट ने हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए नर्सों को तत्काल काम पर लौटने कहा था। हाई कोर्ट ने अपने पूर्व आदेश में यह भी कहा था कि नर्सेस हड़ताल अवधि के वेतन की अधिकारी नहीं होंगी। उसी याचिका के तहत शुक्रवार को नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डा. पीजी नाजपांडे ने अंतरिम आवेदन पेश किया था।

जनहित याचिकाकर्ता की ओर से यह दी गई दलील

जनहित याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद नर्सिंग एसोसिएशन ने 10 जुलाई से पुन: हड़ताल शुरू कर दी है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुन हड़ताल गैर कानूनी है। सरकार की ओर से अतरिक्त महाधिवक्ता आशीष बर्नाड ने कोर्ट को अवगत कराया कि सरकार ने हड़ताल अवैध घोषित कर दी है। इस पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब हड़ताल अवैध है तो हड़ताल करने वालों के विरुद्ध क्या कारवाही की गई है। हाई कोर्ट ने सरकार को शपथ पत्र पर जवाब पेश के निर्देश दिए हैं।

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