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Rahul Gandhi: हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को उचित बताया, जानिए राहुल गाँधी की सजा बरकरार रखते हुए क्या कहा

Gujrat high court judge pronouncing order at least 10 criminal cases pending against rahul gandhi: digi desk/BHN/सूरत/ गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की सजा बरकरार रखी। न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने राहुल गांधी की सजा पर रोक की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं। मौजूदा केस के बाद भी उनके खिलाफ कुछ और केस भी दर्ज हुए। ऐसा ही एक मामला वीर सावरकर के पोते ने दायर किया है।

न्यायमूर्ति ने आगे कहा कि दोषसिद्धि से कोई अन्याय नहीं होगा। दोषसिद्धि न्यायसंगत एवं उचित है। पहले दिए गए आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है।

गौरतलब है, मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी करार दिया गया था। उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उनकी संसद की सदस्यता भी चली गई थी। अब हाईकोर्ट ने भी उन्हें झटका दे दिया है। इससे वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे या संसद सदस्य (सांसद) के रूप में अपनी स्थिति के निलंबन को रद्द करने की मांग नहीं कर पाएंगे। हालांकि, वह हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं।

राहुल को नहीं बनाने चाहिए ऐसे इतिहास
वहीं, भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने अदालत की टिप्पणी, जिसमें राहुल पर और केस दर्ज होने की बात कही है, पर कहा कि राहुल को इसके बारे में सोचना चाहिए और ऐसे इतिहास नहीं बनाने चाहिए…।

मई में नहीं मिली थी अंतरिम राहत
इससे पहले जस्टिस प्रच्छक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे।

राहुल के वकील ने दी थी यह दलील
राहुल गांधी के वकील ने 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान गुजरात हाईकोर्ट में तर्क दिया था कि एक जमानती और गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम दो साल की सजा का मतलब है कि उनके मुवक्किल अपनी लोकसभा सीट खो देंगे।

मार्च में हुई थी दो साल की सजा
दरअसल, राहुल गांधी द्वारा 2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में मार्च में सूरत की अदालत ने उन्हें धारा 504 के तहत दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद राहुल की लोकसभा सदस्यता भी चली गई थी। ऐसे में अगर हाईकोर्ट से राहुल के पक्ष में फैसला आता है तो कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।

राहुल ने क्या कहा था
दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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