नै दिल्ली.Covid-19: देश में कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है। एक दिन में रिकॉर्ड एक लाख केस सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। केंद्र ने राज्यों से कहा है कि ऐसे मरीजों का दोबारा कोरोना टेस्ट किया जाए, जिनमें पहले इस महामारी के लक्षण पाए गए थे, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव रही थी। ऐसे मरीजों के लिए Symptomatic शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार को आशंका है कि ऐसे कई लोग अब कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं और इनका समय रहते इलाज नहीं किया गया तो महामारी तेजी से फैलती रहेगी। केंद्र का स्पष्ट कहना है कि महामारी को रोकने के लिए इस पहलु को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ने संयुक्त रूप से सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को लिखा है और उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि आरएटी-पीसीआर टेस्ट का उपयोग करते हुए ऐसे सभी संदिग्ध मरीजों की जांच की जाए। मंत्रालय ने उल्लेख किया कि कई राज्य एक नकारात्मक COVID-19 मामले की पुष्टि करने के लिए RT-PCR परीक्षण के साथ रैपिड एंटीगेंसी टेस्ट का पालन नहीं कर रहे है।मंत्रालय के मुताबिक, यदि कोई मरीज लक्षण होने के बाद कोरोना निगेटिव निकलता है तो इस बात की प्रबल आशंका है कि वह कोरोना महामारी को फैलने का कारण बन सकता है। ऐसे मरीज को इलाज जरूरी है।
हर जिलास्तर पर निगरानी टीम बनाने के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे ऐसे मामलों का पालन करने के लिए हर जिले और राज्य स्तर पर एक टीम का गठन करके एक निगरानी तंत्र स्थापित करें।
वर्तमान में, देश में रोज कोरोना पॉजिटिव आने वाले मरीजों की दर 8.4 प्रतिशत है। इस बीच देश में कोरोना महामारी की चपेट में आने वाले कुल मरीजों का आंकड़ा 44,65,864 पहुंच गया है। इनमें 9,19,018 सक्रिय मामले हैं यानी इतने मरीजों का इलाज देश के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।