सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ गणना के फेर में नौतपा भी शुरूआत की चकरघिन्नी में फंस कर रह गया है। हालांकि अब यह तय है कि इसकी शुरूआत 25 मई से हो रही है जो 3 जून तक चलेगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार नौतपा सूर्य के नक्षत्र परिवर्तन से संबंध रखता है। सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो नौतपा शुरू होता है, ये नौ दिनों का होता है। इन नौ दिनों में गर्मी के तेवर देखकर जानकार मानसून के दौरान बारिश की भविष्यवाणियां करते हैं।
रैगांव में रहने वाले मसनहा के ज्योर्तिविद पंडित विजय गौतम के अनुसार नौतपा में सूर्य अपने पूरे प्रभाव में होता है, इसे रोहिणी का तपना भी कहते हैं। नौतपा के समय में दिन बड़े और रात छोटी हो जाती हैं। प्राचीत समय में नवतपा के नौ दिनों में पड़ने वाली गर्मी को देख कर बारिश की सटीक भविष्यवाणी की जाती है। आज भी कई किसान नौतपा के दिनों के मौसम का गहराई से अनुमान लगाते हैं।
मान्यताएं
मान्यता है कि नौतपा के दिनों ज्यादा गर्मी पड़ती है तो बारिश अच्छी होती है। माना यह भी जाता है कि यदि नौतपा में थोड़ी बहुत बारिश होती है तो इसे अच्छा नहीं माना जाता है। नवतपा के दिनों को मानसून का गर्भकाल भी कहते हैं। नौतपा से पहले अगस्त्य तारा अस्त हो गया है। इस वजह से कुछ ही दिनों में वर्षा काल के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हो जाएगा।
क्यों तपता है नौतपा
सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में आने के बाद नौ दिनों तक गर्मी अधिक रहती है। इन दिनों में सूर्य और पृथ्वी की स्थिति कुछ ऐसी हो जाती है कि सूर्य की सीधी किरणें पृथ्वी पर पड़ने लगती हैं।
लू चलने की संभावना
पं. विजय गौतम के मुताबिक नौतपा में लू चलने की संभावना ज्यादा होती है। मौसम विभाग वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस तथ्य को स्वीकार करता है।
नवतपा के दिनों में अधिकतर जगहों पर काफी अधिक गर्मी रहती है, लू चलती है। ऐसी स्थिति में गर्मी को लेकर लापरवाही बिलकुल भी नहीं करनी चाहिए।
रहें सावधान
नौतपा में भीषण गर्मी और लू चलने की संभावना के मद्दे नजर चिकित्सक भी समय-समय पर लोगों की जागरूक करने की कोशिश करते रहते हैं।
चिकित्सकों के मुताबिक दोपहर में घर से बाहर निकल रहे हैं तो ज्यादा देर सीधे धूप में खड़े रहने से बचना चाहिए।
पानी पीते रहें, शरीर को ठंडक मिलती रहे, ऐसी चीजें खाने में शामिल करें। ध्यान रखें शरीर में पानी की कमी न हो और भूखे पेट भी बाहर नहीं निकलना चाहिए।
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से करें ये शुभ काम
- रोज सुबह जल्दी उठें और सूर्य को जल चढ़ाएं।
- बाल गोपाल को कपूर और चंदन का लेप लगाना चाहिए।
- शिवलिंग पर ठंडा जल चढ़ायें इससे भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।
- शिवलिंग के ऊपर मिट्टी का ऐसा कलश लगाया जाता है, जिससे कलश से पतली धारा शिवलिंग पर लगातार गिरती रहती है।
- जरूरतमंद लोगों को खाने-पीने की ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम, शरबत दान कर सकते हैं। ठंडे पानी का प्याऊ लगा सकते हैं।
- छाते का और जूते-चप्पल का दान करें। गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन दान करें।
- राहगीरों के लिए ठंडा पानी पिलाने की व्यवस्था करें, साथ में उसे गुड़ और चना अवश्य खिलायें।
- यही व्यवस्था सड़कों में घूमने वाली गायों और अन्य पशु, पक्षियों के लिए भी करें।
- पक्षियों के लिए घर के सुविधाजनक स्थान पर दाने एवं पानी की पर्याप्त व्यवस्था करें। इससे देवता प्रसन्न होते हैं।
नौतपा में दान-पुण्य करने से आपको पुण्य लाभ भी अर्जित होगा, इसलिए इन नौ दिनों में दान-पुण्य अवश्य करें।