कटनी/बहोरीबंद,भास्कर हिंदी न्यूज़/ बहोरीबंद जनपद की ग्राम पंचायत इमलिया के सरपंच पति की अवैध करतूत से प्राइमरी शाला की मजबूत बिल्डिंग पर जेसीबी मशीन चलवा दी गई। प्राचार्य ने इसकी शिकायत जनपद सीईओ और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को दी है। लेकिन सबने इस मामले में चुप्पी साध ली है। उधर जानकारी यह सामने आई है कि ग्राम पंचायत इमलिया ने एसडीएम बहोरीबंद के यहां मार्च 23 में जाब्ता फौजदारी की धारा 133 के तहत एक याचिका दायर करते हुए जर्जर सामुदायिक भवन को ढहाने की मांग जनहित में की थी और एक माह के अंदर एसडीएम ने हटाने का आदेश 11 अप्रैल को दे दिया। यह आदेश जर्जर सामुदायिक भवन को ढहाने का था, मगर सरपंच पति ने 12 अप्रैल को स्कूल की बिल्डिंग जमींदोज करवा दी। जर्जर सामुदायिक भवन आज भी सुरक्षित खड़ा है और उसमें राशन दुकान संचालित हो रही है। जर्जर सामुदायिक भवन की बजाए शाला भवन नेस्तनाबूद करने की जानकारी देने पर एसडीएम बहोरीबंद का कहना है कि अब हम पहले नोटिस जारी करेंगे फिर इस पर कोई कार्रवाई करेंगे।
सरपंच पति के साथ दो पुलिसकर्मी भी रहे मौजूद
12 अप्रैल को मिडिल स्कूल ईपीईएस में परीक्षा समाप्त होने के बाद विद्यार्थी जैसे ही घरों को गए तो वहां पर इमलिया के सरपंच पति जेसीबी लेकर पहुंच गएl उनके साथ एक दो पुलिसकर्मी भी थे l सरपंच पति ने शाला प्राचार्य या स्टाफ से बात तक नहीं की और स्कूल का एक कमरा ढहाने लगेl यहां पर विद्यार्थी अपनी साइकिल खड़ी करते थे। प्राचार्य ने पूछा तो सरपंच पति ने कहा कि भवन जर्जर है और गिराने का आर्डर उनके पास है। प्राचार्य स्तब्ध रह गए क्योंकि यह बहुत मजबूत भवन था जिसे जर्जर बताकर सरपंच पति मिट्टी में मिला रहे थे। प्राचार्य ने तुरंत जनपद पंचायत के सीईओ व बीईओ को सूचना प्रतिवेदन भेजा दोनों ही विभागों से कोई नहीं पहुंचा।
याचिका निराकरण में फास्ट ट्रैक कोर्ट बन गई एसडीएम कोर्ट
शायद जिले की इतिहास की यह पहली याचिका थी, जिसे एसडीओ बहोरीबंद में फास्ट ट्रैक कोर्ट की तरह ट्रीट किया गया। मार्च 23 में ग्राम पंचायत इमलिया से याचिका दायर हुई और एक माह से भी कम समय में कार्यपालिक दण्डाधिकारी ने जनपद सीईओ से रिपोर्ट मंगवा कर 11 अप्रैल को सामुदायिक भवन जनहित में गिराने का आदेश पारित कर दिया।
ग्राम पंचायत की कार्यवाही की गति एसडीएम कोर्ट से भी तेज
ग्राम पंचायत इमलिया की कार्यान्वयन गति एसडीएम कोर्ट से भी कई गुना तीव्र थी। आदेश के चौबीस घंटे बीतने के पहले सरपंच पति सेनापति की तरह जेसीबी रथ लेकर सामुदायिक भवन की बजाय मिडिल स्कूल भवन चले गए और बिल्डिंग का एक हिस्सा ढहा कर विजयी भाव से लौट आए। इमलिया निवासी भौंचक रह गए देखते देखते यह कार्य पलक झपकते हो गया। अब चर्चा यह है कि जिस तीव्र गति से याचिका पर सुनवाई आदेश और गलत कार्यान्वयन हुआ तो इस अनुचित तोड़फोड़ पर एसडीएम बहोरीबंद उसी तीव्र गति से जांच कर दोषी सरपंच पति पर एफआइआर दर्ज कराएंगे। बताया जा रहा है कि सरपंच पति ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना और दुरुपयोग किया हैं। आदेश कहीं का और निष्पादन कहीं और कराया गया। शाला का शासकीय भवन तोड़ने के पूर्व प्राचार्य बीईओ को नोटिस सरपंच पति ने नहीं भिजवायाl अब गांव के ग्रामीण शासकीय संपत्ति को क्षति पहुंचाई इस पर एफआईआर और क्षतिपूर्ति की कार्यवाही शीघ्र होने की मांग कर रहे हैं ताकि नए शिक्षण सत्र के पहले तोड़ा गया शाला भवन बनाया जाए ताकि निर्दोष विद्यार्थियों को कष्ट ना उठाना पड़े।
जर्जर भवन के राशन दुकानदार को पूर्व नोटिस नहीं
एसडीएम बहोरीबंद ने एक माह के अंदर जिस सामुदायिक भवन को हटाने का आदेश पारित किया है। उस भवन में उचित मूल्य की अनाज दुकान संचालित की जाती है। वहीं देखा गया कि कि जनपद के उपयंत्री की रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं है। नियमानुसार दुकान संचालक को भी याचिका में पक्षकार बनाना था। लेकिन शासन विरुद्ध ग्राम पंचायत इमलिया ही पक्षकार था, जो एक तरह से आवेदक इकाई भी थी l एसडीएम और जनपद सीईओ रिपोर्ट देने वाले उपयंत्री की भी इस याचिका के निराकरण में न्यायपूर्ण भूमिका नहीं मानी जा रही है। अब कलेक्टर आवि प्रसाद के नोटिस का इंतजार पंचायत के ग्रामीण कर रहे है।