Festivals hanuman janmotsav upay in hindi celebrate hanuman jayanti with these simple rituals to please: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ 6 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा। हनुमान जन्मोत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हनुमान जन्मोत्सव के दिन सभी भक्त हनुमान जी की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं और पूरे उल्लास के साथ उनका जन्मोत्सव मनाते हैं । वैदिक ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। ऐसा करने से साधक को सभी काम में सफलता मिल सकती है। यह उपाय हनुमान जन्मोत्सव के दिन करने से और भी लाभ प्राप्त हो सकता है। आइए जानते हैं क्या हैं हनुमान जी को प्रसन्न करने के उपाय।
- करियर में सफलता प्राप्ति के लिए हनुमान जन्मोत्सव के दिन मारुति नंदन को सिंदूरी रंग का लंगोट चढ़ाएं। इस उपाय को करने से कार्यों में आपको सफलता जरूर मिलेगी।
- यदि आप काफी समय से किसी परेशानी में घिरे हैं या आपको कोई डर सता रहा है तो हनुमान जयंती के दिन 21 बार हनुमान जी के बजरंग बाण का पाठ करें।
- अगर काफी समय से आप जो भी कार्य कर रहे हैं और उसमें सिर्फ असफलता हाथ लग रही है तो हनुमान जन्मोत्सव के दिन विधिपूर्वक बजरंगबली की पूजा करके उन्हें केसरिया लड्डू का भोग लगाएं। इस उपाय से आपको कार्यों में सफलता मिलने लगेगी।
प्राणों की रक्षा के लिए मंत्र या रक्षा कवच बनाएं, रहेंगे सुरक्षित
प्राणों की रक्षा के लिए मंत्र या रक्षा कवच बनाकर आप भी सुरक्षित रह सकते हैं। इसके लिए करने होंगे कुछ विशेष उपाय। ऐसा करने से आप सुरक्षित रहने के साथ ही आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
एक प्रसंग
हनुमानजी जब लंका से आये तो राम जी ने उनको पूछा कि रामजी के वियोग में सीताजी अपने प्राणों की रक्षा कैसे करती हैं ? तो हनुमान जी ने जो जवाब दिया उसे याद कर लो। अगर आप के घर में कोई अति अस्वस्थ है, जो बहुत बीमार है, अब नहीं बचेंगे ऐसा लगता हो, सभी डाक्टर-दवाई भी जवाब दे गए तो ऐसे व्यक्ति की प्राणों की रक्षा इस मंत्र से करो..उस व्यक्ति के पास बैठकर ये हनुमानजी का मंत्र जपो..तो ये सीता जी ने अपने प्राणों की रक्षा कैसे की, ये हनुमानजी के वचन हैं..(सब बोलना)।
समझ लीजिये इसका अर्थ
नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट। लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहिं बाट ॥ ‘ नाम पाहरू दिवस निसि ‘ ….. सीता जी के चारों तरफ आप के नाम का पहरा है। क्योंकि वे रात-दिन आप के नाम का ही जप करती हैं। सदैव राम जी का ही ध्यान धरती हैं और जब भी आंखें खोलती हैं तो अपने चरणों में नजर टिकाकर आप के चरण कमलों को ही याद करती रहती हैं ।
तो ‘ जाहिं प्रान केहिं बाट ‘…..
सोचिए कि आप के घर के चारों तरफ कड़ा पहरा है । छत और ज़मीन की तरफ से भी किसी के घुसने का मार्ग बंद कर दिया है, क्या कोई चोर अंदर घुस सकता है..? ऐसे ही सीता जी ने सभी ओर से श्री रामजी का रक्षा कवच धारण कर लिया है ..इस प्रकार वे अपने प्राणों की रक्षा करती हैं। तो ये मंत्र श्रद्धा के साथ जपेंगे तो आप भी किसी के प्राणों की रक्षा कर सकते हैं।
रक्षा कवच बनाने की विधि
दिन में 3-4 बार शांति से बैठें, 2-3 मिनिट होठों में जप करें और फिर चुप हो जाएं। ऐसी धारणा करें कि मेरे चारों तरफ भगवान का नाम मेरे चारों ओर घूम रहा है। भगवान के नाम का घेरा मेरी रक्षा कर रहा है।