Friday , November 22 2024
Breaking News

Umaria: हिंदू से ईसाई बने परिवार ने की घर वापसी, बताई मतांतरण की दर्द भरी कहानी

उमरिया,भास्कर हिंदी न्यूज़/  जिले के चंदिया में एक परिवार ने भागवत कथा वाचक की कथा से प्रभावित होकर घर वापसी की है। धर्म परिवर्तन के बाद बीते छह माह से अधिक समय तक मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे परिवार ने मतांतरण की पूरी कहानी बताई है। कमलेश चौधरी के इस परिवार की घर वापसी भागवत वाचक शैलेन्द्र नन्द के प्रयास से संभव हुआ। भागवत वाचक शैलेन्द्र नन्द ने बताया कि इससे पहले उनके प्रयास से प्रदेश के बालाघाट में भी 13 परिवार ने घर वापसी की है। भागवत वाचक शैलेन्द्र नन्द ने बताया की ईसाई मिशनरीज बीमारी के ईलाज करने का झूठा दिखावा करके बड़ी सक्रियता के साथ मतांतरण करने का काम कर रही हैं। उन्होंने आगे बताया की यह कोई पहला प्रकरण नही हैं जब मेरी कथा के दौरान घर वापसी हुई है। इसके पहले भी ऐसे कई लोगो की घर वापसी मेरे द्वारा हुई है। हालांकि इस मामले में जब एसपी प्रमोद कुमार सिन्हा से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि मतांतरण की कोई शिकायत अभी तक सामने नहीं आई है।

मतांतरण की दर्दनाक कहानी

चंदिया नगर के वार्ड नंबर दो निवासी कमलेश चौधरी अपनी धर्मपत्नी उर्मिला चौधरी की बिगड़ी तबियत को लेकर काफी चिंतित थे और लगातार ईलाज के लिए डाक्टरों के चक्कर लगा रहे थे। उसी बीच कुछ लोगों ने उन्हें सलाह दी कि ईसाई धर्म अपना लो तो आपकी धर्मपत्नी की तबियत ठीक हो जाएगी। इस सलाह के बाद कमलेश ने ईसाई सभाओं में जाना शुरू कर दिया लेकिन वे कहते हैं जब उन्होंने उनकी सभाओ में जाना चालू कर दिया तो मुझे अच्छा नही लगता था। उन सभाओ में मेरे जैसे ऐसे लोग पहुंचते थे जिन्हें कोई न कोई समस्या बनी रहती थी। वहां सब एक साथ बैठकर दुआ प्रार्थना करते थे। साथ ही मुझे यह निर्देश दिया गया था कि अब तुम कोई पूजापाठ नहीं करना और देवी देवताओं से दूर रहने के लिए कहा गया था।

आते थे बुरे-बुरे ख्याल

उर्मिला चौधरी ने बताया की मेरी तबियत बीते दो वर्षों से काफी खराब रहती थी। आसपास के जिलों में मैंने ईलाज करवाया पर आराम नहीं मिल रहा था। ईसी बीच कुछ लोगों ने सलाह दी की तुम चर्च जाओ वहां आराम मिल जाएगा। बीते कई माह से मै हर रविवार वहां होने वाली चंगाई सभा में जा रही थी, पर मुझे कोई आराम नहीं लगा। मेरी मानसिक स्थित्ति और खराब होती चली गई। मुझे दिमागी चिंता सताने लगी, मुझे आत्महत्या करने के ख्याल रोज आने लगे। मैं कभी अपने नजदीक में चाक़ू तो कभी कुल्हाड़ी रखने लगी और कभी रस्सी। मुझे ऐसा महसूस हो रहा था की मै रस्सी से लटक कर अपनी जान दे दूं, लेकिन जब मैं कथाचार्य जी के संपर्क में आई तो मेरा मन परिवर्तित हुआ और मैंने पुनः पति के साथ हिन्दू धर्म स्वीकार कर लिया। उर्मिला आगे बताती हैं की जब से ईसाई धर्म स्वीकार किया था तबसे मुझे रात में नींद नहीं आती थी, लेकिन जब मैंने 30 मार्च की रात को हिन्दू धर्म स्वीकार किया है तो बीते एक साल बाद मैं अपनी पूरी नींद ले पाई हूं। उर्मिला ने कहा कि अब कभी भी हिन्दू धर्म से बाहर नहीं जाउंगी।

About rishi pandit

Check Also

Shahdol: ट्रेफिक पुलिस आरक्षक से लूट, अनूपपुर से ट्रैफिक ड्यूटी कर घर लौटते समय मारपीट, वायरलेस सेट भी ले गए

शहडोल। शहडोल जिले के अमलाई थाना के बटुरा क्षेत्र में एक पुलिस आरक्षक के साथ …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *