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MP: हाथियों की मौत के 24 दिन बाद मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक अंबाडे को हटाया, सुभरंजन को फिर सौंपी कमान

  1. चीता, बाघ और हाथियों की मौत के चलते उठ रहे हैं सवाल
  2. 17 माह में चार मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक बदल चुकी है सरकार
  3. वन्‍य प्राणियों की अनदेखी को लेकर सीएम मोहन यादव थे नाराज़

भोपाल। मप्र में 11 हाथियों की मौत के 24 दिन बाद मप्र के मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक वीएन अंबाडे को अंतत: हटा दिया गया है। उन्हें हटाकर प्रबंध संचालक मप्र राज्य वन विकास निगम भोपाल पदस्थ किया गया है। उनकी जगह वन मुख्यालय के पीसीसीएफ वित्त बजट सुभरंजन सेन को एक बार फिर वन्यप्राणी शाखा की कमान सौंपी गई है।

वन्य प्राणी प्रबंधन में विफलता और हाथियों की मौत से मुख्यमंत्री मोहन यादव अंबाडे से खासे नाराज थे। उन्हें हटाया जाना पहले ही तय हो गया था।

अंबाडे महज तीन माह ही वन्यप्राणी अभिरक्षक रहे। इससे पहले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक रहे गौरव चौधरी और पनपथा रेंज के सहायक वन संरक्षक उप वनमंडल अधिकारी फतेह सिंह निनामा को हटाया गया था।

17 माह में चार मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक बदले

  • चीते, बाघ और हाथियों की मौत के चलते मप्र में 17 माह में चार मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक बदले गए।
  • चीतों की लगातार हो रही मौतों के चलते 18 जुलाई 2023 में मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक पद से जसबीर सिंह चौहान को हटा दिया गया था। उनकी जगह असीम श्रीवास्तव को नियुक्त किया गया।
  • मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक रहे असीम कुमार श्रीवास्तव को एक फरवरी 2024 को वन बल प्रमुख बनाया गया था।
  • उनकी जगह अतुल श्रीवास्तव मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक बनाए गए, वे 30 जून को सेवानिवृत्त हुए।
  • फिर पीसीसीएफ शुभरंजन सेन को प्रभार दिया था लेकिन 22 अगस्त 2024 को हटाकर वीएन अंबाडे को कमान सौंपी गई थी।
  • अब हाथियों की मौत के मामले में अंबाड़े को भी हटा दिया गया है। एक बार फिर सुभरंजन सेन पर सरकार ने भरोसा जताते हुए उन्हें मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक बनाया है।

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