Love Jihad in M.P:bhopal/ मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लव जिहाद को लेकर धर्म स्वातंत्र्य विधेयक को विधानसभा में पेश करने से पहले सख्ती के कई प्रविधान करने की तैयारी कर रही है। इसमें जो नया प्रविधान जोड़ा जा रहा है। उसमें मदरसे-स्कूल या चर्च जैसी धार्मिक संस्थाओं पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। ऐसी संस्थाओं द्वारा यदि लव जिहाद व धर्मांतरण में किसी तरह की मदद की तो सरकार उन्हें दी गई सारी सुविधाएं वापस ले लेगी। अनुदान बंद कर दिया जाएगा। यदि उन्हें सरकारी जमीनें मिली हैं तो वह भी वापस ले ली जाएंगी। लव जिहाद पर यह कानून इसी महीने के अंतिम सप्ताह में विधानसभा से पारित कराया जाएगा।

लव जिहाद जैसे मामलों में धार्मिक संस्थाओं की भूमिका भी सामने आती है। ये संस्थाएं इस तरह के मामलों को धर्म प्रचार से जोड़कर देखती हैं। जब मामला तूल पकड़ता है तो इन संस्थाओं के प्रमुख राजी-मर्जी से शादी की बात कहकर पल्ला झाड़ लेती हैं। यदि इनकी भूमिका भी तय की जाती है तो यह कानूनी दायरे में आने के डर से इस प्रकार के कार्यों से दूर रहेंगे।

सख्ती पर संगठन और सत्ता एकमत

लव जिहाद को लेकर बनाए जाने वाले कानून में सख्त से सख्त प्रविधान किए जाएं, इस पर भाजपा संगठन और सरकार के सभी मंत्री व विधायक एकमत हैं। सरकार के मंत्री और संगठन के पदाधिकारी इस बारे में सार्वजनिक रूप से बयान देते रहे हैं। विधानसभा में इस विधेयक को रखने से पहले सभी पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसके पीछे कारण यह है कि कानून बनने के बाद अदालती चुनौती में इसे सुरक्षित रखा जा सके।

कानून बनाकर रोकेंगे

लव जिहाद दो सम्प्रदायों के बीच कौमी संघर्ष को बढ़ावा देता है। देश के नौ राज्य इसे रोकने के लिए कानून बना रहे हैं। लव जिहाद को बढ़ावा देने वाली एजेंंसियां भी शांति भंग करने और पाक प्रायोजित कट्टरता को स्थापित करने में मदद प्रदान कर रही हैं । इसलिए ऐसी एजेंसियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। नए कानून में ये नहीं चलेगा कि सरकारी जमीन और अनुदान लेकर लव जिहाद की बैठक करो,धर्मांतरण को बढ़ावा दो । इस सुनियोजित षड़यंत्र को रोका जाएगा।मुख्यमंत्री भी कानून को कठोर बनाने पर सहमत हैं।

रामेश्वर शर्मा, सामयिक अध्यक्ष मप्र विधानसभा