Love Jihad in M.P: भोपाल/लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने को लेकर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार फूंक-फूंककर कदम रख रही है। तमाम जन संगठनों से परामर्श के बाद राज्य सरकार इसमें नाबालिग लड़की से विवाह में सजा का अतिरिक्त प्रविधान जोड़ने जा रही है। इसके तहत लव जिहाद की शिकार लड़की यदि नाबालिग रही तो आरोपितों को और भी कठोर सजा भुगतनी पड़ सकती है। कानूनविद् इस बारे में विचार-विमर्श कर रहे हैं। इसमें पॉक्सो (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रन फ्राम सेक्सुअल अफेंस) एक्ट के तहत मिलने वाली सजा और लव जिहाद की सजा अलग-अलग चलने की व्यवस्था किए जाने पर भी मंथन किया जा रहा है।
मालूम हो, राज्य सरकार ने पिछले दिनों लव जिहाद (धर्म स्वातंत्र्य विधेयक) पर सख्त कानून बनाने की बात कही थी। अब इस पर विधेयक लाने की ताबड़तोड़ तैयारी भी शुरू कर दी है। शुरुआत में इसमें दोषियों पर पांच साल की सजा की बात कही गई, लेकिन बाद में सजा बढ़ाकर दस साल करने की मांग ने जोर पकड़ा। हिंदू संगठनों ने भी इस बारे में मांग उठाई और कानून के प्रविधान को सख्त करने की पैरवी की। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी कहा है कि दोषियों के लिए दस साल की सजा की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने 28 दिसंबर से होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इसे पारित करने का भरोसा दिलाया है।
अदालती चुनौती से निपटने की तैयारी
प्रदेश सरकार की मंशा है कि कानून में ऐसे प्रविधान किए जाएं ताकि दोषियों को वयस्क होने पर अपने जीवन के संदर्भ में निर्णय लेने के अधिकार से प्रस्तावित कानून को चुनौती न मिले। इसके लिए मंथन किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि ऐसे विवाह को छल से किए गए विवाह की श्रेणी में लाकर रद करने की व्यवस्था बनाई जा सकती है। विवाह रद होने पर आरोपितों पर लव जिहाद की धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जा सके, ऐसे प्रविधान का भी प्रयास है। इस संबंध में आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से बचा जा रहा है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सरकार इसमें पूरी ताकत से जुटी है।
धर्म स्वातंत्र्य विधेयक का मसौदा
- – जबरदस्ती धर्मांतरण और विवाह पर 10 साल की सजा।
- – विवाह के एक माह पूर्व कलेक्टर को धर्मांतरण और विवाह करने के लिए दोनों पक्षों को लिखित आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
- – बगैर आवेदन प्रस्तुत किए धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को पांच साल तक की सजा।
- – धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत पीड़िता, माता-पिता आदि द्वारा की जा सकती है।
- – यह अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होगा।
- – धर्मांतरण या विवाह के आरोपित को ही प्रमाणित करना होगा कि यह कार्य बगैर किसी दबाव, धमकी और लालच के किया गया है।
- – इस प्रकार का विवाह शून्य माना जाएगा।