वन विभाग की टीम के साथ आक्रोशित ग्रामीणों ने की हाथापाई
सीधी, भास्कर हिंदी न्यूज़/ संजय टाइगर रिजर्व एरिया अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरी के गिजोहर में शाम तकरीबन 6.30 बजे घर में अपने दो बहनों और एक भाई के साथ पढ़ाई कर रहे मासूम को जंगली जानवर तेंदुआ ने निशाना बनाते हुए उठाकर जंगल की तरफ भाग गया था। बताया गया कि कमल बैगा पिता रामबहादुर बैगा उम्र 5 वर्ष अपने अन्य भाई बहनों के साथ प़ढ़ाई कर रहा था। इसी दौरान तकरीबन 6.30 बजे बिना जाली की खि़ड़की से जंगली जानवर तेंदुआ घर के अंदर प्रवेश किया और मासूम को उठाकर दरवाजे तरफ जंगल की तरफ भाग निकला। यह देखकर अन्य बच्चों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। बच्चों की आवाज सुनकर पिता तेंदुआ के पीछे दौ़ड़ प़ड़ा। इसी दरम्यान तेंदुआ फेंसिंग की गई तार में फंस गया और मासूम को वहीं पर छो़ड़कर जंगल में भाग गया। जब तक पिता मासूम के पास पहुंचा तब तक मासूम की मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना संजय टाइगर रिजर्व एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों को दी गई। सूचना उपरांत पहुंची वन विभाग की टीम के साथ आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा हाथापाई की गई। जिस कारण से मौके की नजाकत को देखते हुए वन विभाग की टीम मौके से भाग ख़ड़ी हुई। ग्रामीणों के आक्रोशित होने की खबर जिला मुख्यालय को दी गई। तत्पश्चात जिला मुख्यालय से रात में ही भारी पुलिस बल घटना स्थल के लिए रवाना हो गया था। रविवार को सुबह घटना स्थल पर पहुंचे अनुविभागीय अधिकारी कुसमी आरके सिन्हा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस एन द्विवेदी, तहसीलदार रोहित सिंह परिहार, एडिशनल एसपी अंजूलता पटले, एसडीओपी रोशनी सिंह ठाकुर, नगर निरीक्षक कुशमी राम सिंह, नगर निरीक्षक मझौली दीपक बघेल, नगर निरीक्षक अमिलिया केदार परौहा, नगर निरीक्षक भुइमाढ आकाश राजपूत, चौकी प्रभारी म़ड़वास पूनम सिंह, आदि के द्वारा ग्रामीणों को समझाइस के बाद मासूम के शव का पोस्टमार्टम हो सका है। पोस्टमार्टम उपरांत को अंतिम संस्कार के लिए परिजन को सौंप दिया गया है।
मृतक मासूम के पिता रामबहादुर बैगा ने बातचीत के दौरान बताया कि मेरे पास दो बेटियां एवं दो बेटे थे। जो आंगन में बैठकर प़ढ़ाई कर रहे थे। इसी दौरान तेंदुआ बिना जाली के खि़ड़की से कूदकर आंगन में पहुंचा और छोटे बेटे को उठाकर जंगल की तरफ भाग निकला, तभी अन्य बधो चिल्लाना शुरू किया तो मैं तेंदुआ के पीछे दौ़ड़ प़ड़ा, घर से दो सौ मीटर दूर तार की बा़ड़ी उसी में तेंदुआ फंस गया और बधो को वहीं पर छो़ड़कर भाग गया। जब तक मैं पहुंच कर देखा तो बधो की मौत हो चुकी थी।
ग्रामीणों में आक्रोश
ठीक एक माह बाद हुई दूसरी घटना से ग्रामीण काफी आक्रोशित हो गए थे। लिहाजा घटना की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम को ग्रामीणों ने खदे़ड़ लिया। लिहाजा वन विभाग की टीम गांव से भाग ख़ड़ी हुई। ग्रामीणों का कहना था कि यदि हम लोग जंगल की लक़ड़ी, महुआ, तेंदूपत्ता तो़ड़ते हैं तो विभाग के कर्मचारियों द्वारा हमें रोका जाता है, अथवा लोगों की वाइक आदि से बंदर व अन्य किसी छोटे जानवरों की मृत्यु हो जाती है तो हमारे खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाता है। लेकिन हमारे बच्चों व मवेशियों को जंगली जानवरों के द्वारा हमला कर मौत के घाट उतार दिया जाता है तो वन विभाग मुआवजा देकर घटना को भूल जाता है, और हम ग्रामीणों को तरह तरह से प्रता़िड़त किया जाता है। विभाग द्वारा ग्रामीणों को गांव तक आने जाने के लिए कधाी स़ड़क की मरम्मत तक नहीं करवाई जाती हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि बाहर से जंगली जानवरों को लाकर संजय टाइगर रिजर्व के जंगलों में छो़ड़ा जाता है और वही जानवर मनुष्य पर हमला करते हैं।
मृतक के परिजन को त्वरित सहायता के तौर पर 10 हजार रुपये ग्राम पंचायत से एवं 10 हजार रुपये आदिम जाति कल्याण विभाग से दिया गया है, एवं 8 लाख रुपये की सहायता राशि 24 घंटे अंदर वन विभाग द्वारा देने का आश्वासन दिया गया है।