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MP Weather Update: प्रदेश में कई जिलों में मावठा की बारिश, दो दिन बाद बढ़ेगी सर्दी

Madhya pradesh weather update mawtha rains in many districts of madhya pradesh cold will increase after two days: digi desk/BHN/भोपाल/ हवाओं के साथ लगातार आ रही नमी के कारण प्रदेश के कई शहरों में वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया है। उधर, बादल बने रहने के कारण मंगलवार को अधिकतम तापमान में भी काफी गिरावट दर्ज की गई। राजधानी में अधिकतम तापमान 18.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे कम रहा। यह सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस कम रहा। साथ ही यह सोमवार के अधिकतम तापमान 27.7 डिग्री सेल्सियस की तुलना में 8.8 डिग्री सेल्सियस कम रहा।

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार को नर्मदापुरम, इंदौर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा होने के आसार हैं। बादल छंटने पर दो दिन बाद रात के तापमान में तेजी से गिरावट होने की संभावना है। मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सागर में 13, भोपाल में 1.9, उज्जैन में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। रतलाम, मालजखंड में बूंदाबांदी हुई। मावठा की वर्षा से किसानों ने हर्ष जताया है। इस वर्षा से फसलों को काफी लाभ मिला है।

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक बादल छाए रहने के कारण मंगलवार को न्यूनतम तापमान रीवा संभाग में विशेष रूप से बढ़े। भोपाल , उज्जैन, सागर, ग्वालियर संभाग के जिलों में भी काफी बढ़े। पिछले 24 घंटों के दौरान भोपाल, इंदौर, शहडोल, सागर, नर्मदापुरम एवं जबलपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा भी हुई।

क्यों बदला मौसम का मिजाज

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान अरब सागर में कर्नाटक, केरल के तट पर कम दबाव के क्षेत्र में बदल गया है। ओडिशा में एक प्रति चक्रवात बना हुआ है। इसके असर से बंगाल की खाड़ी से नमी आने की वजह से कहींकहीं वर्षा भी हो रही है। बुधवार से कहींकहीं बादल छंटने लगेंगे। इससे रात के तापमान में गिरावट होने लगेगी।

फसलों के लिए अमृत तुल्य है यह पानी

कृषि विशेषज्ञ एवं सेवानिवृत्त कृषि संचालक डा. जीएस कौशल ने बताया कि मावठा का यह पानी बिलकुल सही समय पर मिला है। किसान बोवनी कर चुके हैं। फसलों में यदि यूरिया खाद डाल दी जाए तो फसल के उत्पादन में 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है। ग्राम खजूरीकला के किसान मिश्रीलाल राजपूत ने बताया कि मावठा की यह वर्षा फसलों के लिए अमृत की तरह है।

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