फसल के बचाव के लिए खेते में लगाया था तार का फंदा..!
पन्ना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ वन परिक्षेत्र पन्ना की तिलगवां बीट में छह दिसंबर को बाघ के शिकार के मामले में वन विभाग ने शुक्रवार को मुख्य आरोपितों इंद्रपाल सिंह व प्रतिपाल सिंह को गिरफ्तार किया है।आरोपियों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने दोनों आरोपियों को 13 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
छतरपुर वन संरक्षक संजीव झा ने बताया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ की गई है। दोनों ने बताया कि उन्होंने फसलों से बचाव के लिए जंगली जानवरों के लिए तार का फंदा लगाया था। लेकिन इस फंदे में बाघ फंस गया। इस मामले में गश्त और निगरानी में लापरवाही पाए जाने पर डिप्टी रेंजर अजीत खरे पन्ना और बीट गार्ड तिलगवां अरुण त्रिवेदी को घटना के बाद ही निलंबित कर दिया गया था। बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व से लगे हुए उत्तर वन मंडल में एक वयस्क बाघ का शव क्लच वायर से पेड़ की शाखा से लटकता हुआ मिला था। इसको लेकर मुख्यमंत्री द्वारा आपातकालीन बैठक बुलाई गई थी।
डीएफओ बीपी दातोनियां ने बताया कि मंगलवार को वनमंडल उत्तर पन्ना के वन परिक्षेत्र पन्ना की तिलगवां के बीट प्रभारी तिलगवां को सूचना मिली थी कि एक पेड़ की शाखा में तार से फंदे पर लटका बाघ का शव लटका है। इस घटना की जानकारी वनमंडलाधिकारी ने घटना की सूचना मुख्य वन संरक्षक छतरपुर को दी थी। बाघ के शव मिलने के बाद पन्ना से लेकर भोपाल तक हड़कंप मच गया।
इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आपात बैठक बुलाई थी। पन्ना के अधिकारियों ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन बल प्रमुख भोपाल व प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी भोपाल को भी अवगत कराया गया। क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व को घटना की सूचना प्रदान कर डाग स्क्वाड टीम और पशु चिकित्सक सहित डाग स्क्वाड टीम सतना वनमंडल व टाइगर स्ट्राइक फोर्स शिवपुरी को प्रकरण की जांच में सहयोग के लिए अनुरोध किया गया। उत्तर वनमंडल पन्ना के स्टाफ ने मौका स्थल पहुंचकर अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध वन अपराध दर्ज कर घटना स्थल का निरीक्षण किया था।