Tyohar bhai dooj 2022 festival will be celebrated on this day know its method time story and importance: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ इस बार भाई दूज के पर्व को लेकर काफी असमंजस की स्थिति है। विद्वानों का मानना है कि इस बार भाई दूज का पर्व 26 अक्टूबर यानी कि बुधवार को मनाया जाएगा तो वहीं कुछ का कहना है कि 27 अक्टूबर गुरुवार को यह पर्व मनाया जाएगा। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को घर बुलाकर भोजन करवाती हैं और उनका तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहनों को उपहार देकर उसके सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देते हैं। भाई दूज का त्योहार भाई दूज, भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया कई नामों से जाना जाता है।
भाई दूज के शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 26 अक्टूबर बुधवार को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि दोपहर 2:43 से शुरू होगी। इस दिन भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:12 से 3:27 तक रहेगा। वहीं शाम को 7:17 से रात 8:53 के बीच यमराज के निमित्त दीपदान कर सकते हैं। वहीं 27 अक्टूबर गुरुवार को भाई दूज का शुभ मुहूर्त सुबह 11:07 से दोपहर 12:46 तक रहेगा।
पूजा विधि
भाई दूज पर शाम को शुभ मुहूर्त में भाई बहन यमराज चित्रगुप्त और यम के दूतों की पूजा करें तथा सबको अर्घ्य दें। बहन, भाई की आयु वृद्धि के लिए यम की प्रतिमा का पूजन कर प्रार्थना करें। इसके बाद बहन, भाई को भोजन कराएं और तिलक लगाएं। इसके बाद भाई अपनी बहन को अपनी इच्छा के अनुसार उपहार दें। इस दिन सभी बहनें अपने हाथ से भाई को भोजन कराएं तो उसकी उम्र बढ़ती है। साथ ही उसके जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं।
यमुना और यमराज की पूजा का महत्व
प्रचलित कथाओं के अनुसार एक बार यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने धरती पर आए। उस दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि थी। भाई को आया देख यमुना ने उन्हें भोजन कराया और तिलक लगाकर आदर सत्कार किया। बहन का प्रेम देखकर यमराज ने कहा कि जो भी व्यक्ति इस तिथि पर यमुना में स्नान करके यम का पूजन करेगा मृत्यु के बाद उसे यमलोक की यातना नहीं सहनी पड़ेगी। तभी से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमुना नदी में स्नान कर यमराज की पूजा करने का विशेष महत्व है। स्कंद पुराण में लिखा है कि यमराज को प्रसन्न कर, पूजन करने वाले की हर कामना पूरी होती है।