सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना जिले में कलेक्टर की पत्नी श्रीमती नेहा चौधरी वर्मा के निर्देशन में बाल कल्याण समिति के सहयोग से सतना में चलाए जा रहे नवाचार के अभियान बाल वस्त्र दान के तहत कमजोर वर्ग और वंचित परिवार के एक से 15 वर्ष तक के बच्चों को सर्दियों के मौसम में गर्म और सामान्य पहनने के कपड़े जुटाने का कार्य किया जा रहा है। जिसमें काफी संख्या में जरूरतमंद बच्चों के लिए कपड़ों का संग्रह किया जा रहा है। उनके इस अभियान में सतना के कई सामाजिक संगठनों के लोग जुड़ कर वस्त्रों का संग्रह कर रहे हैं, ताकि उन बच्चों की मुस्कुराहट का हम भी हिस्सा बन सके।
बच्चों के बाल वस्त्र संग्रहण अभियान के कार्य में रविवार को अमर ज्योति परिवार के सदस्यों ने सर्किट हाउस स्थित रोटरी भवन में कार्यक्रम आयोजित कर मिसेस कलेक्टर को 500 जोड़ी नए कपड़े सौंपे। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष राधा मिश्रा ने बाल वस्त्र दान अभियान के इस पुनीत कार्य में सबको सहयोग करने की अपील की। इस मौके पर महापौर योगेश ताम्रकार, संस्था के संयोजक मनोहर डिगवानी, मनोज अरोरा हरीओम गुप्ता, दिलीप सोनी, जेठाभाई वाधवानी, संजय वाधवानी, प्रदीप अरोरा, रूपेश वलेचा, घनश्याम मँघरानी, विपुल हांडा, दीपक वाधवानी, अनिल झुलवानी, नीलांबर झा, पंकज आहूजा, ज्ञान खटवानी, जानव्ही त्रिपाठी, चाँदनी श्रीवास्तव सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
दीनदयाल रसोई योजना अंतर्गत खाद्यान्न आवंटित
दीनदयाल अन्त्योदय रसोई योजना अंतर्गत माह अक्टूबर 2022 के लिये जिले में संचालित दीनदयाल रसोई की 4 कार्यरत संस्थाओं को खाद्यान्न (98 क्वि. गेहूं, 45 क्वि. चावल) का आवंटन जारी किया गया है। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि योजनांतर्गत गेहूँ एवं चावल का प्रदाय रूपये 1 रूपए प्रति किग्रा. की दर से किया जायेगा। प्रदाय किये जाने वाले गेहूँ एवं चावल की गुणवत्ता की जांच उपरांत एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता का ही खाद्यान्न प्रदाय किया जायेगा।
किसानों को डीएपी के स्थान पर एनपीके का प्रयोग की सलाह
कृषि विभाग द्वारा जिले के कृषकों को सलाह दी गई है कि वह डीएपी के स्थान पर एनपीके उर्वरकों का प्रयोग करें। कृषि वैज्ञानिकों ने अपनी सलाह में कहा है कि डीएपी का लागत मूल्य 1350 रूपये प्रति बोरी है जिसमें केवल दो तत्व नाइट्रोजन व फास्फोरस प्राप्त होते है। जबकि एनपीके उर्वरक की कीमत 1470 रूपये प्रति बोरी है एवं इसमें फसलों के लिए आवश्यक सभी तीन मुख्य पोषक तत्वों नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम की उपलब्धता होती हैं। इस प्रकार एनपीके उर्वरक से नाइट्रोजन एवं फास्फोरस के अलावा पौधों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण तत्व पोटेशियम की पूर्ति किसान सफलतापूर्वक कर सकते हैं। अतः एनपीके उर्वरक का प्रयोग करने पर किसान भाईयों को अलग से पोटाश डालने की जरूरत नहीं पड़ती है व लागत में कमी आती है। अतः किसानों के लिए डीएपी के स्थान पर एनपीके का प्रयोग लाभप्रद रहेगा।
नशामुक्त भारत अभियान- केन्द्रीय टीम 17 अक्टूबर से करेगी जिलों का भ्रमण
केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट के सदस्य 17 अक्टूबर से नशामुक्त भारत अभियान में शामिल जिलों का दौरा करेगी। सदस्यों में सैय्यद हम्मद, सुश्री निकिता शर्मा, श्री निखिल स्वराज, और सुश्री बी.आर. काव्या शामिल हैं। टीम जिलों में अभियान के तहत किये गये कार्यों का निरीक्षण करेगी।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा नशामुक्त भारत अभियान में प्रदेश के 19 जिले शामिल है। सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण द्वारा अभियान में शामिल भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सागर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, नीमच, दतिया, नर्मदापुरम, मंदसौर, नरसिंहपुर, रतलाम, सतना, राजगढ़, धार, मुरैना और देवास जिले के विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गये है।
नारी शक्ति पुरस्कार के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित
नारी शक्ति पुरस्कार 2022 के लिए आवेदन अथवा नामांकन आमंत्रित किए हैं। ऑनलाइन आवेदन-पत्र भेजने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2022 निर्धारित की गई है। महिला एवं बाल विकास विभाग भारत सरकार द्वारा ये पुरस्कार दिए जाते है। नारी शक्ति पुरस्कार 2022 के लिए आवेदन-पत्र, नामांकन केवल निर्दिष्ट वेबसाइट www.awards.gov.in के माध्यम से स्वीकार किए जाएंगे। यह पुरस्कार अगले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को प्रदान किए जाएंगे। विस्तृत जानकारी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है।