Mp.cm shivraj singh: उमरिया/ जन जातीय जन नायक भगवान बिरसा मुंडा के परिसर के निर्माण हेतु ग्राम डगडौआ में दो एकड़ जमीन दान करने वाले नत्थू कोल का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सार्वजनिक रूप से सम्मान किया। उन्होने कहा कि जो व्यक्ति खुद झोपडी मे रह रहा है, गरीबी व सुविधाओं के अभाव में जीवन व्यतीत कर रहा है तथा भगवान बिरसामुंडा परिसर के लिए दो एकड़ कीमती जमीन दान की है उसकी दानवीरता अनुकरर्णीय है। समाज हित में इस तरह के कार्य सदैव प्रेरणा देते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि नत्थू कोल को पक्का आवास उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने समाज सुधारक देश की रक्षा के लिए प्राण उत्सर्ग करने वाले भगवान बिरसा के संदेश को जन जन तक पहुंचाने के लिए जो कदम उठाया है वह अत्यंत ही सराहनीय है।
जोधइया से आगे बढ़कर पूछा हाल और लगाया गले
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैगा पेंटिंग्स के माध्यम से स्थान बनाने वाली 80 वर्षीय जन जातीय बैगा कलाकार जोधइया बाई द्वारा कार्यक्रम स्थल पर जन गण मन तस्वीर खाना की प्रदर्शनी लगाई गई थी। मुख्यमंत्री ने जोधइया बाई से मिलकर उन्हें गले लगा लिया। उन्होंने जोधइया बाई द्वारा तैयार की गई काष्ठ मूर्ति तथा बैगा पेंटिंग्स का अवलोकन कर सराहना की। कार्यक्रम में जन जातीय कार्य विभाग मंत्री मीना सिंह तथा विधायक बांधवगढ़ शिवनारायण सिंह द्वारा मुख्यमंत्री को जोधइया बाई बैगा द्वारा तैयार की गई काष्ठ कला मूर्ति तथा बैगा पेंटिंग्स भेंट की। मुख्यमंत्री ने जोधइया बाई को पद्मश्री मिले इसके लिए हस्ताक्षर कर शुभकामनाएं भी दीं।
महिलाओं द्वारा तैयार की गई सामग्री की प्रदर्शनी रही आकर्षण का केंद्र
ग्राम डगडौआ में आयोजित जन जातीय गौरव सम्मान कार्यक्रम स्थल में आजीविका परियोजना द्वारा जिले के आदिवासी स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों का मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अवलोकन किया तथा समूह की महिलाओं से चर्चा की। उन्होनें समूह की महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों से जुड़कर आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की समझाइश दी। प्रदर्शनी में जय स्व सहायता समूह बिजौरी द्वारा आयरन वर्क, लक्ष्मी आजीविका स्व सहायता समूह द्वारा बांस बर्तन, शीतला स्व सहाया समूह उंचेहरा द्वारा अगरबत्ती, शिव मंदिर स्व सहायता समूह द्वारा भगवान की मूर्ति, आरती प्रगति समूह द्वारा लेमन ग्रास व मुनगा पाउडर, शहद तथा अन्य समूहों द्वारा हल्दी, मसाला, मिर्ची, वर्मी कमपोस्ट, वासमती चावल, सेनेटरी पैड, हैण्डवाश, बल्व आदि विक्रय हेतु रखी गई थी।