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कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान से प्रसन्न होती हैं मां लक्ष्मी, तिल स्नान से दूर होंगे शनि दोष

Kartik Purnima: ujjain/ सर्वार्थ सिद्धि योग और वर्धमान योग में होगा कार्तिक पूर्णिमा का स्नान हिंदू धर्म में पूर्णिमा महत्वपूर्ण स्थान रखती है प्रत्येक वर्ष में 12 पूर्णिमा आती हैं लेकिन जब अधिक मास या मलमास आता है तो इनकी संख्या 13 हो जाती है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार इस दिन जब चंद्रमा आकाश में उदित होता है उस समय चंद्रमा की 6 कृतिकाओं का पूजन करने से शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से पूरे वर्ष का स्नान करने का फल मिलता है। आगामी 30 नवंबर को रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वसिद्धि योग एवं वर्धमान योग का संयोग होने से इस पूर्णिमा का शुभ योग बन रहा है। इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का 551वां जन्मदिन भी मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 29 नवंबर को दोपहर 12:47 से प्रारंभ होकर 30 नवंबर को दोपहर 2:59 तक रहेगी। इसी दिन कार्तिक स्नान का समापन भी होगा।

कार्तिक पूर्णिमा पर इस साल का चौथा और आखिरी उप छाया चंद्र ग्रहण

कार्तिक पूर्णिमा पर इस साल का चौथा और आखिरी उप छाया चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और वही 14 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा यह चंद्र ग्रहण अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा। इस चंद्र ग्रहण का असर भारत में नहीं पड़ेगा, इसलिए भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। वैसे भी यह उप छाया चंद्र ग्रहण है। इसलिए इसका किसी भी राशि पर कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह चंद्र ग्रहण के दौरान भारत के मंदिरों के पट भी बंद नहीं होंगे, इसलिए अंतिम चंद्रग्रहण को लेकर सभी लोग बिल्कुल निश्चिंत रह सकते हैं तथा किसी भी तरह के भ्रम में पढ़ने की जरूरत नहीं होगी।

कार्तिक पूर्णिमा क्यों है खास 

कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु चतुर्मास के बाद जागृत अवस्था में होते हैं भगवान विष्णु ने इसी तिथि को मस्य अवतार लिया था और मत्स्य अवतार लेकर सृष्टि की फिर से रचना की थी।राक्षस त्रिपुरासुर का संघार किया था। त्रिपुरासुर वध को लेकर देवताओं ने मनाई थी इस दिन देव दीपावली, सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का जन्मदिन के साथ ही इस दिन तुलसी का अवतरण कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था।

दीप दान करने से होंगी मां लक्ष्मी प्रसन्न 

कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के समीप तथा तालाब में सरोवर में गंगा तट पर दीप जलाने से अथवा दीप दान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का वरदान देती हैं। वही विष्णु को तुलसी पत्र की माला और गुलाब का फूल चढ़ाने से मन की सारी मुरादें पूरी होती हैं।

कार्तिक पूर्णिमा पर तिल स्नान से मिलेगी शनि दोषों में राहत

 कार्तिक पूर्णिमा पर तिल जल में डालकर स्नान करने से शनि दोष समाप्त होंगे खासकर शनि की साढ़ेसाती वही कुंडली में पित्र दोष चांडाल दोष नदी दोष की स्थिति यदि है तो उसमें भी शीघ्र लाभ होगा। कार्तिक पूर्णिमा पर अक्षत यानि चावल, जो, काले तिल, मौसमी फल, लौकी में छिपाकर सिक्का दान देना शुभ माना गया है।

 

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