Kartikeya Temple: ग्वालियर/जीवाजीगंज मार्ग हनुमान चौराहे के पास स्थित भगवान कार्तिकेय के मंदिर के पट रविवार 29 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा के दिन रात्रि 12 बजे खोले जाएंगे। सबसे पहले भगवान कार्तिकेय को स्नान कराकर उनका श्रृंगार व आरती की जाएगी। उसके पश्चात 30 नवम्बर सोमवार सुबह 4 बजे श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जाएंगे। श्रद्धालु इस दिन भगवान कार्तिकेय पर प्रशाद चढ़ाकर अपनी मन्नत मांगते है। कहा जाता है कि जो इस दिन अपनी मन्नत मांगता है वह पूरी होती है। मन्नत पूरी होने पर अगले वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर पुनः दर्शन करने आते है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे तक खुले रहेंगे। सोमवार की रात्रि व मंगलवार सुबह 4 बजे पुजारी पूजा अर्चना कर कार्तिकेय भगवान की प्रतिमा को कपड़े के खोल से ढंककर दरवाजे पर ताला लगा देंगे। इसके बाद यह दरवाजा अगले वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर ही खुलेगा।
जीवाजीगंज स्थित भगवान कार्तिकेय के मंदिर में ही गंगा यमुना, सरस्वती एवं वेणीमाधव भगवान का भी मंदिर है, जो भक्तो के लिए रोजाना खुलता है। इनके दर्शन कभी भी किये जा सकते है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि मंदिर के पुजारी पं.जमुना प्रसाद हैं। जिन्होंने बताया कि ग्वालियर का एकमात्र मंदिर है, जहां तीनों गंगा, जमना एवं सरस्वती एक साथ विराजमान हैं। उनका कहना है कि यह मंदिर 450 साल पुराना है। पुजारी परिवार के मुताबिक साधू संतों के द्वारा प्रतिमा की स्थापना की गई थी। यहां कार्तिकेय भगवान की छह मुख वाली पत्थर की प्रतिमा है, इसमें वह अपनी प्रिय सवारी मोर पर सवार हैं।
कार्तिकेय अपने जन्म दिन पर ही देते है दर्शन
धार्मिक मान्यता है कि भगवान कार्तिकेय एक बार नाराज होकर अज्ञात स्थान पर तपस्या करने चले गए थे। जब शिव, पार्वती उन्हे मनाने पहुंचे तो उन्होंने श्राप दिया कि जो स्त्री उनके दर्शन करेगी वह सात जन्म तक विधवा हो जाएगी, जो पुरूष दर्शन करेगा वह सात जन्म तक नर्क में जायेगा। बाद में जब माता पार्वती ने उनसे कहा कि ऐसा कोई दिन बताएं जब आपके दर्शनों का भक्तों को लाभ मिल सके। तब भगवान कार्तिकेय ने कहा कि मेरे जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा पर जो भक्त मेरे दर्शन करने आएगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।