MPBSEभोपाल/ माध्यमिक शिक्षा मंडल(माशिमं) ने सत्र 2020-21 से दसवीं में लागू बेस्ट ऑफ फाइव योजना को बंद करने का फैसला लिया है। इस योजना के लागू होने से अधिकतर विद्यार्थियों ने गणित और अंग्रेजी विषय को पढ़ना छोड़ दिया था। योजना के तहत हर साल करीब डेढ़ लाख विद्यार्थियों को पास किया जाता है।
हर साल गणित व अंग्रेजी विषय में विद्यार्थी अधिक फेल होते हैं। वहीं साल 2019-20 में कोरोना काल में दसवीं में दो पेपर निरस्त कर दिए गए थे तो बेस्ट ऑफ फाइव के बदले बेस्ट ऑफ फोर योजना भी लागू की गई । इस बार मंडल ने इस योजना को बंद करने की पूरी तैयारी कर ली है, इस पर अंतिम मुहर तीन दिन बाद होने वाली कार्यपालिका समिति की बैठक में मंडल अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया लगाएंगे। इस योजना के समाप्त होने के बाद हर साल दसवीं में फेल और सप्लीमेंट्री विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी। बता दें कि हर साल दसवीं व बारहवीं बोर्ड परीक्षा में करीब 20 लाख विद्यार्थी शामिल होते हैं।
रिजल्ट का प्रतिशत बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी योजना
मंडल ने दसवीं में रिजल्ट का प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2016-17 की बोर्ड परीक्षा से इस योजना को लागू किया था। इससे उस साल 16 फीसद रिजल्ट में बढ़ोतरी हुई थी। इसके तहत दसवीं में अगर छह विषयों में से पांच विषय में कोई विद्यार्थी पास और एक विषय में फेल हो गया तो भी उसे पास किया जाता था। ऐसे में विद्यार्थियों ने कठिन लगने वाले विषय को पढ़ना छोड़ दिया था। इस कारण स्कूल शिक्षा विभाग ने इस योजना को बंद करने के लिए शासन से मांग की थी।
2020 में गणित में करीब 4 लाख विद्यार्थी फेल हुए
हर साल दसवीं बोर्ड परीक्षा में गणित विषय में अधिक विद्यार्थी फेल होते हैं। साल 2020 की बोर्ड परीक्षा में 8 लाख 81 हजार 787 विद्यार्थियों ने गणित का पेपर दिया। इसमें से 4 लाख 83 हजार 421 विद्यार्थी पास और 3 लाख 98 हजार 366 विद्यार्थी फेल हुए थे। इसके बाद विज्ञान में 8 लाख 81 हजार 603 विद्यार्थियों में 6 लाख 32 हजार 117 पास और 2 लाख 49 हजार 486 फेल हुए थे। वहीं अंग्रेजी 7 लाख 66 हजार 365 विद्यार्थियों में से 5 लाख 17 हजार 93 पास और 2 लाख 49 हजार 272 विद्यार्थी फेल हुए थे।