दस दिन का समय देकर लापरवाह चिकित्सक से मांगा जवाब
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ रामपुर बघेलान के स्वास्थ्य केंद्र में एलटीटी(नसबंदी) शिविर में आपरेशन के लिए आईं महिलाओं को बेहोश कर छोड़ देने का मामला एलटीटी सर्जन डा.एम.एम. पांडेय को भारी पड़ गया। कलेक्टर की फटकार, सीएमएचओ की जांच से गुजरने के बाद अब संभागायुक्त राजेश कुमार जैन ने उनकी दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दे दिये हैं। डॉ. पाण्डेय द्वारा 11 नवम्बर को रामपुर बघेलान स्वास्थ्य केन्द्र में आयोजित एलटीटी शिविर में भर्ती महिलाओं के आॅपरेशन में लापरवाही बरतने, आपरेशन के लिये भर्ती पांच महिलाओं का आपरेशन न करने, वरिष्ठ अधिकारियों के निदेर्शों के अवहेलना करने को गंभीर कदाचरण मानते हुए नोटिस दिया गया है। नोटिस का दस दिवस में संतोषजनक उत्तर प्राप्त न होने पर एक पक्षीय कार्यवाही की जायेगी।
एलटीटी सर्जन ने की थी लापरवाही
स्वास्थ्य विभाग की इस घोर लापरवाही से नाराज कलेक्टर अजय कटेसरिया ने सीएमएचओ ए.के.अवधिया को लापरवाह चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए रिपोर्ट तलब की थी। कलेक्टर के सख्त तेवरों से परेशान सीएमएचओ ने एलटीटी सर्जन एम.एम.पांडेय को नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर जवाब देने के निर्देश दिये थे तथा एसडीएम रामपुर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर जांच करने का आदेश जारी किये थे जिसे तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि रामपुर बाघेलान स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी के लिए लाई गई 21 में से 11 महिलाओं को बेहोशी का इंजेक्शन दे दिया गया और आपरेशन नहीं किया गया। इन महिलाओं की स्थिति यह हो गई थी कि वे अस्पताल में यहां.वहां दीवार के सहारे व फर्श में पड़ी रहीं और नसबंदी का आपरेशन कराने इंतजार करती रहीं लेकिन उनका आपरेशन नहीं किया गया। यहां बड़ा सवाल यह उठ था कि जब इन महिलाओं का आॅपरेशन करना ही नहीं था तो इन्हे बेहोशी का इंजेक्शन क्यों दिया गया। यही नहीं बाद में महिलाओं के स्वजनों से बोल दिया गया कि उन्हे अपने घर ले जाएं। इस घटना के बाद जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था और लापरवाहों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी।
सतना से गए थे डॉक्टर
दरअसल ये घटना बुधवार 11 नवंबर की है। रामपुर बघेलान तहसील में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी शिविर लगाया गया था जहां 21 महिलाओं को परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत नसबंदी के लिए बुलाया गया थाए लेकिन 21 में केवल 10 महिलाओं का आॅपरेशन करने के बाद डॉक्टरों ने अपने हाथ खड़े कर दिए। यह आॅपरेशन करने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल जिला चिकित्सालय सतना से सर्जन डॉक्टर एम.एम पाण्डेय को भेजा गया था, लेकिन 10 आपरेशन के बाद ही वे वापस मुख्यालय सतना लौट आये थे। इस दौरान बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर महिलाओं को फर्श पर पर छोड़ दिया गया। मौके पर न कोई स्टाफ था और न ही कोई डॉक्टर।