Gold and Silver Price: digi desk/BHN/इंदौर/ मुद्रास्फिति के खिलाफ प्रमुख केंद्रीय बैंकों के मौद्रिक नीति पर आक्रमक रुख और चल रहे भू-राजनीतिक मामलों के बीच सोने और चांदी की कीमत दो महीनों से ज्यादातर सीमित दायरे में ही चल रही है। कीमती धातुओं को बढ़ती हुई मुद्रास्फीति सपोर्ट कर रही है वही ऊपरी स्तरों पर कठोर मौद्रिक नीति के कारण कीमतों में दबाव भी बनता दिख रहा है। पिछले सप्ताह ओपेक और गैर ओपेक देशो की बैठक हुई। तेल उत्पादक देशों ने बढ़ते हुए कच्चे तेल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उत्पादन को बढ़ाने का फैसला लिया। लेकिन रूस से तेल निर्यात कमी की भरपाई नहीं होने से कच्चे तेल के भाव में लगातार तेज़ी बनी हुई है।
महंगे ईंधन के कारण मुद्रास्फीति उच्च स्तरों पर बनी हुई है जिसके कारण कीमती धातुओं को सपोर्ट मिला हुआ है। चीन में लाकडाउन हटने पर निवेशकों को भी सोने के भाव की प्रतिक्रिया का इंतजार है। हाजिर मांग में कमी रहने से बड़ी मात्रा में सोना रखने वाले संस्थान धन जुटाने के लिए ऊपरी स्तरों पर बिकवाली कर सकते हैं। यह भी लगता है कि कुछ भू-राजनीतिक जोखिम कम हो गया है क्योंकि बाजार ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को पचा लिया है। जबकि शेयर बाज़ारो में पिछले कुछ सप्ताह में परिस्थिति सुधरती दिखाई दी है, लेकिन ‘स्टैगफ्लेशन’ अभी कीमती धातुओं को सपोर्ट करता रहेगा। इस सप्ताह में यूरोपियन यूनियन की मौद्रिक नीति और अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े सोने और चांदी के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
सकारात्मक रुझान की उम्मीद
स्वास्तिक इंवेस्टमार्ट के एनालिस्ट नृपेंद्र यादव के अनुसार सोने और चांदी के भाव नए कारोबारी सप्ताह में सीमित दायरे में रहते हुए सकारात्मक रुझान दिखा सकते हैं। सोने में 50000 रुपये पर सपोर्ट है और 52000 रुपये पर प्रतिरोध है। चांदी में 61000 रुपये पर सपोर्ट और 64000 रुपये पर प्रतिरोध है।