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Satna: नोटिस का जवाब नही देने वाले अनुज्ञप्तिधारियों के लायसेंस करें निरस्त, कलेक्टर ने ली खनिज अधिकारियों की बैठक

खनिज अधिकारियों की फील्ड में दिखनी चाहिये प्रेजेंस

 

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना जिले में खनि उत्खनन के स्वीकृत अनुज्ञप्ति धारियों में से 10 अनुज्ञप्ति धारियों द्वारा खनन कार्य प्रारंभ नहीं करने पर खनि अनुज्ञप्ति निरस्त करने की नोटिस जारी की गई थी। नोटिस का समाधानकारक जवाब प्रस्तुत नहीं करने वाले खनिज अनुज्ञप्तिधारियों की अनुज्ञप्ति निरस्त करने के निर्देश कलेक्टर अनुराग वर्मा ने गुरुवार को संपन्न खनिज अधिकारियों की मासिक बैठक में दिये। इस मौके पर खनिज अधिकारी हरेन्द्र पाल सिंह तथा खनि निरीक्षक उपस्थित थे।

खनिज अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर ने अनुज्ञप्तिधारियों को जारी की गई नोटिस के प्राप्त जवाबों के संबंध में जानकारी ली। इसके साथ ही कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले में स्वीकृत सभी 263 व्यापारिक अनुज्ञप्ति की जांच खनि निरीक्षकों के माध्यम से कराई गई। जिसमे जांच के दौरान 132 अनुज्ञप्तिधारी द्वारा शर्तों का उल्लंघन कर खनिज का भंडारण करना पाया गया। कलेक्टर द्वारा समस्त ऐसे अनुज्ञप्तिधारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। इन अनुज्ञप्तिधारियों से निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों के सुधार किये जाने के संबंध में निर्देशित किया गया। पिछली बैठक में दिये गये निर्देशानुसार खनिज अमले को रीवा बाईपास एवं सोहावल बाईपास पर खनिज रेत से भरे हुये खड़े वाहनों की जाचं के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी ली गई।

खनिज अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में अवैध उत्खनन के एक प्रकरण में अर्थदंड एवं पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रुप में 15 हजार रुपये, अवैध परिवहन के 15 प्रकरणों में अर्थदंड एवं पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रुप में 9 लाख 70 हजार रुपये और अवैध भंडारण के 4 प्रकरणों में 1 लाख 93 हजार रुपये अर्थदंड एवं पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रुप में राशि जमा कराई गई है। कलेक्टर श्री वर्मा ने वित्तीय वर्ष के विगत दो माह में अवैध उत्खनन के केवल एक प्रकरण बनाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होने कहा कि खनिज अधिकारियों का कार्य क्षेत्र भ्रमण का है। खनिज अधिकारी फील्ड भ्रमण कर अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण के प्रकरणों के मामलों में सख्त कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि खनिज अधिकारियों की फील्ड में प्रेजेंस दिखनी चाहिये। खनिज अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये निर्धारित वार्षिक लक्ष्य 250 करोड़ के विरुद्ध अब तक 32 करोड़ 30 लाख रुपये का राजस्व संग्रहण किया गया है। जिसमें मुख्य खनिज से 29 करोड़ और गौड़ खनिज से 3 करोड़ 23 लाख रुपये की राजस्व प्राप्तियां की गई हैं।

अतिवृष्टि, बाढ़ में राहत तथा बचाव संबंधी सभी तैयारियां पूर्ण करें- कलेक्टर

आपदा प्रबंधन एवं बाढ़ नियंत्रण संबंधी बैठक

कलेक्टर अनुराग वर्मा ने जिले में आगामी वर्षा काल में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से उत्पन्न स्थितियों में राहत और बचाव संबंधी सभी तैयारियां 15 जून के पूर्व तक सुनिश्चित कर लेने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को आपदा प्रबंधन एवं बाढ़ राहत एवं बचाव संबंधी तैयारियों की बैठक में समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों एवं निचले स्थानों के संभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत एवं बचाव की पूरी तैयारी रखें। बैठक में डिप्टी कलेक्टर सुरेश जादव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक अवधिया, जिला कमांडेंट होमगार्ड आईके उपनारे, डीएसपी ख्याति मिश्रा, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण मनोज द्विवेदी, जल संसाधन आरएस नट, पीएचई रावेन्द्र सिंह, सहायक श्रम आयुक्त श्री पटेरिया, अधीक्षक भू-अभिलेख राज नारायण पांडेय एवं जिला आपूर्ति अधिकारी केके सिंह भी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री वर्मा ने बताया कि मौसम विभाग की फोरकास्ट के अनुसार इस वर्षा काल में अच्छी वर्षा की संभावना व्यक्त की जा रही है। जिले में बाढ़ से प्रभावित होने वाला कोई विशेष क्षेत्र चिन्हित नहीं है। फिर भी नदी-नालों के किनारे बसी आबादी, शहर के निचले इलाके एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जल-जमाव से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों की पहचान कर राहत एवं बचाव के पुख्ता प्रबंध रखें। उन्होंने कहा कि सभी जनपद पंचायत के सीईओ और नगरीय निकाय के सीएमओ से जल-जमाव से प्रभावित होने वाले इलाकों की सूची मंगाए और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें कहां शिफ्ट किया जाएगा, उन स्कूल, पंचायत अन्य भवनों की सूची भी मंगाए। लोक निर्माण और पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को पुल-पुलिया पर पानी आने की स्थिति में बैरियर एवं सूचना पटल लगाने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकाय अगले 15 दिनों में नाले और नालियों की सफाई का कार्य पूर्ण कर लें, ताकि जल-जमाव नहीं हो। कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग को बड़े बांधों के जल स्तर पर निगाह रखने और बरसात में क्षतिग्रस्त हो सकने वाले बांधों की मरम्मत सुधार के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण बस्तियों में आबादी के नजदीक के तालाबों को भी सूचीबद्ध करके रखें। जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष भी 15 जून से 24 घंटे कार्यरत रखने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए हैं।
कलेक्टर ने जिला होमगार्ड और तहसील स्तर पर उपलब्ध बचाव उपकरण एवं संसाधनों की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि सभी बचाव उपकरण को चालू हालत में रखे और स्थानीय गोताखोर या तैराको की लिस्ट भी बनाए।

संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं देने पर खराब रिजल्ट वाले प्राचार्यों के खिलाफ होगी कार्यवाही

कलेक्टर ने ली शिक्षा, जिला शिक्षा केन्द्र, डाइट की समीक्षा बैठक

कलेक्टर अनुराग वर्मा ने संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं देने पर खराब रिजल्ट वाले प्राचार्यों के विरुद्ध अगली कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। जिले में हाई स्कूल का रिजल्ट खराब होने पर लेक्टर ने तीन चरणों में सभी स्कूल प्राचार्यो की बैठक लेकर परीक्षा परिणामों की समीक्षा की थी। हाई स्कूल में खराब रिजल्ट का प्रदर्शन करने वाले 248 प्राचार्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। इनमें से 239 प्राचार्यों ने अपने जवाब प्रस्तुत किए हैं। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को सभी जवाबों का परीक्षण कर समाधान पूर्ण जवाब नहीं देने वाले प्राचार्यों के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को संपन्न शिक्षा, जिला शिक्षा केंद्र, डाइट की गतिविधियों की मासिक समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने यह निर्देश दिए। इस मौके पर सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित राव, जिला शिक्षा अधिकारी नीरव दीक्षित, डाइट प्राचार्य सच्चिदानंद पांडेय, जिला समन्वयक विष्णु त्रिपाठी, सहायक संचालक एनके सिंह, एडीपीसी गिरीश अग्निहोत्री सहित सर्व शिक्षा के बीआरसी, उपयंत्री उपस्थित थे।

कलेक्टर श्री वर्मा ने विगत बैठक के निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा करते हुए कहा कि आगामी शैक्षणिक सत्र में रिजल्ट सुधार के प्रयासों को ध्यान में रखकर पठन-पाठन की गतिविधियां संचालित करें। सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा के दौरान शिक्षा विभाग से संबंधित 50 दिवस से लेकर 300 दिवस तक की 25 शिकायतें लंबित पाई गई। कलेक्टर ने कहा कि स्वयत्व मामलों से संबंधित जो प्रकरण कोर्ट में चल रहे हैं, उनका फोर्स क्लोज से निराकरण करें। सीएम हेल्पलाइन में कर्मचारियों के स्वयत्व भुगतान अथवा उनकी विभाग से संबंधित समस्याएं वैसे भी ग्रहण नहीं की जाती हैं। सर्व शिक्षा अभियान की समीक्षा में बताया गया कि 132 निर्माण कार्य स्वीकृत हैं। जिनमें 78 पूर्ण, 39 प्रगतिरत और 15 अप्रारंभ स्थिति में है। अप्रारंभ कार्यों को आदर्श आचार संहिता के दौरान प्रारंभ नहीं करने के निर्देश दिए गए।

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