Lancet study pollution killed over 23-5 lakh people in india in 2019 air pollution: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ द लांसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार भारत में 2019 में प्रदूषण के कारण 23.5 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है। सभी मौतें समय से पहले हुई हैं। यह आंकड़ा वैश्विक स्तर पर सभी देशों में सर्वाधिक है। स्टडी में दावा किया गया, ‘विश्व में हर तरह का प्रदूषण सालभर में लगभग 90 लाख लोगों के मरने का कारण बनता है।’ गाड़ियां और इंडस्ट्री के धुएं की वजह से एयर पॉल्यूशन से मरने वालों की संख्या में 55 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पॉल्यूशन के कारण मौत का वैश्विक औसत, प्रति एक लाख लोगों पर 117 है।
अध्ययन के मुताबिक इन 23 लाख मौतों में से लगभग 16.7 लाख मृत्यु वायु प्रदूषण और 5 लाख से अधिक मौतें वॉटर पॉल्यूशन के कारण हुई है। इसके अतिरिक्त अन्य प्रदूषण के कारण लोगों की मौत हुई हैं। भारत में वायु प्रदूषण से संबंधित मौतों में अधिकतर पीएम 2.5 कणों के कारण होने वाले एयर पॉल्यूशन से जुड़ी थीं।
अमेरिका में हालात
यूएस प्रदूषण से होने वाली मौतों के केस में शीर्ष 10 देशों में एकमात्र देश है, जो पूरी तरह से उद्योग पर निर्भर है। 2019 में प्रदूषण से होने वाली 1,42,883 मौतों के साथ विश्व में 7वें स्थान पर है। मौतों की प्रति जनसंख्या दर के हिसाब से अमेरिका नीचे से 31वें स्थान पर है। यहां 1000,000 की आबादी में प्रदूषण के कारण मौत का आंकड़ा 43.6 है।
अन्य देशों का हाल
चीन में 2015 में प्रदूषण से 18 लाख लोगों की मौत हुई थी। 2019 में यह बढ़कर 21.7 लाख पहुंच गई। ब्रुनेई, कतर और आइसलैंड में प्रदूषण के कारण मौत दर 15 से 23 के बीच सबसे कम है। पॉल्यूशन के कारण मौत का वैश्विक औसत प्रति एक लाख लोगों पर 117 है। इस रिपोर्ट में भारत के लिए राहत की बात है। 2015 के मुकाबले 2019 में मौतों का आंकड़ा कम हुआ है। 2015 में 25 लाख मौतें हुई थीं, जबकि 2019 में 23.5 लाख मौतें हुई हैं।