पन्ना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ नगर के बाईजूराज महारानी मंदिर में हर वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी श्रद्धालुओं को शरबत पिलाया गया। यहां श्रद्धालु इच्छा अनुसार चाहे जितना शरबत लें सके ले सकता है। बता दें कि बाईजूराज महारानी मंदिर में वैशाख शुक्ल अष्टमी अंतर्धान की तिथि के रूप में मनाया जाता है। आज के दिन श्रद्घालु सुंदर साहब के द्वारा निर्जला व्रत रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। परंपरानुसार शरबत का भोग श्री श्यामाजी महारानी जी को अर्पित कर फिर सभी निर्जला व्रत श्रद्धालु सुंदरसाथ व उपस्थित सभी श्रद्धालु सुंदरसाथ को प्रसाद के रूप में मीठा शरबत जो कि शक्कर व काली मिर्च के मिश्रण से बनाया जाता है, उसी को वितरित किया जाता है।
सोमवार वैशाख शुक्ल अष्टमी अन्तर्धान की तिथि पर पन्ना के प्रसिद्घ बाईजू राज महारानी जी के मंदिर में दोपहर 12 बजे से प्रणामी समाज के सैकड़ों सुंदरसाथ जिसमें महिलाएं, पुरुष, बधाों के साथ-साथ श्री 108 प्राणनाथ जी मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी, न्यासी सभी पहुंचते हैं। इसके साथ प्रणामी धर्म के अनुयायी जो पूरे देश में फैले हुए हैं उनमें से कुछ अनुयायी भी इस दिवस को मनाने पन्ना पहुंचते हैं। श्रद्धालु सुंदरसाथ श्री श्यामजी की कृपा को बार-बार स्मरण करते हैं व श्यामा जी महारानी जी के मंदिर में करूण रस में विरह के भजन गाए जाते हैं।
विरह के भजन के गायन के पश्चात दोपहर लगभग 2 बजे मीठे शरबत को चरणामृत के रूप में भरपूर बांटते हैं जिस प्रसाद को पाकर सुंदरसाथ अपना नीर्जला व्रत पूरा करते हैं। उनके अंतर्धान की तिथि को निर्जला व्रत रखने की परम्परा का परिपालन करते हैं, कुछ श्रद्धालु आज के दिन मौन व्रत भी रखते हैं।