corona: जबलपुर/ प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संक्रमणकाल में गरीब मरीजों के उपचार के लिए भेजी गई दवाओं के लाखों टैबलेट मरीजों के जीवन की रक्षा नहीं कर पाए और उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। घटना शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुहागी की है जहां दवाओं में लगाई गई आग तीन दिन तक धधकती रही। अंधेरगर्दी को रोकने के लिए कुछ कर्मचारियों ने हस्तक्षेप कर दवाओं के लाखों टैबलेट जलने से बचा लिए और उन्हें सुरक्षित स्टोर में रखवा दिया। हैरान करने वाली बात यह है कि जिन दवाओं, प्रेग्नेंसी किट, ग्लूकोमीटर स्ट्रिप, इंजेक्शन सीरिंज आदि को जलाया गया उनकी एक्सपायरी तिथि अभी एक से दो साल तक शेष है। स्वास्थ्य केंद्र से चंद किलोमीटर दूर शहर में बैठे स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इस घटना से अंजान हैं। लोगों का कहना है कि कोरोना संक्रमणकाल में भी मरीजों को पर्याप्त मात्रा में केंद्र से दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। स्टोर में स्टॉक बढ़ने के कारण नाकामी छुपाने के लिए लाखों रुपये कीमती दवाओं को नष्ट करने की साजिश रची गई।
गर्भवती महिलाओं व मरीजों के हित पर कुठाराघात
2021 व 20222 एक्सपायरी तिथि वाली दवाओं में दर्द निवारक, सर्दी खांसी जुकाम, बुखार, एलर्जी, कैदस्त, विटामिन, कैल्शियम, आयरन, कफ सीरप, एंटीबायोटिक दवाएं, अलग-अलग क्षमता की सीरिंज व मलहम पट्टी का सामान शामिल है। बताया जाता है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र में फीवर क्लीनिक चलाया जा रहा है। जहां रोजाना अलग-अलग समय में दो चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जाती है।
आग में जलने से बची दवाएं राख के ढेर पर मिलीं
क्षेत्र के एक जागरुक नागरिक द्वारा सूचना दिए जाने के बाद टीम स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। जिसके ठीक सामने सड़क की दूसरी ओर खाली प्लाट में राख के ढेर पर कुछ टैबलेट यानी दवा के पत्ते व सीरिंज मिले। उन पर नॉट फार सेल गवर्मेंट सप्लाई अंकित है। मौके से मिली दवाओं के पत्ते पर बैच नंबर डीइटी 2919 एक्सपायरी अक्टूबर 2021, आरइटी 2010 एक्सपायरी जून 2022, सीएक्सवी 20001 एक्सपायरी जून 2022 अंकित है। बैच नंबर के आधार पर स्वास्थ्य विभाग दवाओं को नष्ट किए जाने की हकीकत का पता लगा सकता है।