Surya grahan 2022: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ 30 अप्रैल शनिवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण बहुत अहम है क्योंकि यह शनिचरी अमावस्या के दिन लग रहा है और इससे एक दिन पहले ही शनि अपनी राशि बदल रहे हैं। हिंदू धर्म में हर पर्व और उत्सव से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं बनाई गई हैं। ऐसी ही कुछ मान्यताएं सूर्य व चंद्रग्रहण से भी जुड़ी हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार ग्रहण के दौरान कुछ काम जैसे भोजन करना आदि की मनाही है। इन सभी मान्यताओं के पीछे धार्मिक, वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक तथ्य छिपे हैं। ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं। इससे जुड़े कई सवाल लोगों को मन में होते हैं। जानिए ग्रहण से जुड़ी कुछ जरुरी बातें-
ग्रहण से पहले भोजन में डालें तुलसी के पत्ते
हिंदू धर्म में ग्रहण के दौरान कुछ खास काम करने की मनाही है। भोजन करना भी इनमें से एक है। यानी ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। कुछ ग्रंथों में तो ये तक कहा गया है कि ग्रहण के बाद पके हुए भोजन को फेंक देना चाहिए। लेकिन ऐसा करने से भोजन का अपमान होता है, इसिलए ग्रहण शुरु होने से पहले उसमें तुलसी के पत्ते डाल दिए जाते हैं ताकि वो भोजन खाने योग्य बना रहे।
गर्भवती स्त्री न निकलें घर से बाहर
सूर्यग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्री को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य की हानिकारक किरणों का प्रभाव स्त्री और उसके होने वाले बच्चे पर नहीं पड़ता है। मान्यता है कि घर से बाहर निकलने पर गर्भ में पल रहे शिशु पर नकारात्मक असर हो सकता है। साथ ही इस दौरान गर्भवती महिलाओं को तेज धार वाले औजार जैसे चाकू या कैंची का उपयोग भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ न करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यग्रहण काल में पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। यही कारण है कि ग्रहण काल के दौरान मंदिर के गर्भगृह को बंद कर दिया जाता है। यहां तक कि भगवान की मूर्तियों को भी इस दौरान स्पर्श नहीं करना चाहिए। इसका कारण है सूतक काल। धर्म ग्रंथों में सूतक काल को अशुभ समय माना गया है।
कर सकते हैं मंत्र जाप
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल के दौरान अपने ईष्टदेवता के मंत्रों का जाप करना शुभ फलदायक रहता है। सूर्यग्रहण के दौरान पूजा-पाठ नहीं कर सकते, लेकिन मंत्र जाप कर सकते हैं। यदि और कोई मंत्र याद न हो तो गायत्री मंत्र अथवा महामृत्युजंय मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। इतना भी याद न हो तो शिव पंचाक्षर मंत्र ऊं नम: शिवाय का जाप करें।
ग्रहण के बाद करें ये काम
ग्रहण की समाप्ति के बाद पूरे घर की अच्छे से साफ-सफाई करनी चाहिए। गरीब और जरूरमंदों को दान करना चाहिए। गाय को घास खिलाना चाहिए और संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान कर पितरों का तर्पण भी करना चाहिए। ऐसा करने से ग्रहण के दोष समाप्त हो जाते हैं।