MP, gst officer caught red handed taking bribe from businessman another absconding: digi desk/BHN/भोपाल/ भोपाल (राज्य ब्यूरो)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने राजधानी स्थित केंद्रीय गुड्स एंड सर्विस टैक्स (सीजीएसटी) कार्यालय में पदस्थ अधीक्षक अंकुर खंडेलवाल को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। मामले में दूसरे अधीक्षक चेतन सक्सेना भी संदेह के घेरे में हैं। सीबीआइ उनसे पूछताछ कर रही है। खंडेलवाल को रिश्वत लेने का मामला दर्ज कर गुरुवार को सीबीआइ मामलों के विशेष न्यायाधीश भोपाल के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें 26 अप्रैल तक रिमांड पर सीबीआइ को सौंप दिया गया।
जीएसटी ने एक व्यापारी पर एक करोड़ रुपये की रिकवरी निकाली है। दोनों अधीक्षक ने व्यापारी से मामले को निपटाने के लिए 10 लाख रुपये मांगे थे। व्यापारी ने इसकी शिकायत सीबीआइ और सीजीएसटी सतर्कता शाखा से की। चेतन सक्सेना ने व्यापारी को रुपये लेकर बुधवार को कार्यालय बुलाया था, जबकि अंकुर खंडेलवाल ने होशंगाबाद रोड स्थित अपने घर पर। व्यापारी रुपये लेकर कार्यालय पहुंचा, पर सक्सेना नहीं मिले। वहीं खंडेलवाल घर पर मिल गए और उन्होंने दो लाख रुपये ले भी लिए। सीबीआइ और सीजीएसटी सतर्कता शाखा की टीम आसपास थी। जैसे ही खंडेलवाल ने रुपये लिए, टीम पहुंच गई और उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद दोनों अधीक्षक के घर और कार्यालय में उनके बैठने के स्थान की तलाश ली गई, जिसमें कई दस्तावेज और सामान मिला, जिसे जब्त कर लिया गया है। मामले में शिकायत करने वाले व्यापारी का नाम पीयूष बताया जा रहा है।
रिश्वत या भ्रष्टाचार के खिलाफ यहां कर सकते हैं शिकायत
रिश्वत मांगने या सरकारी काम में भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ आमजन शिकायत कर सकते हैं। यह शिकायत लोकायुक्त, अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू), मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से की जा सकती है। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ऐसे मामलों में शिकायत के लिए एक मोबाइल नंबर जारी करने की घोषणा की है। इस पर कोई भी प्रमाण सहित शिकायत कर सकता है। वहीं सीबीआइ के पुलिस अधीक्षक से भी शिकायत की जा सकती है। इसके लिए समय-समय पर सीबीआइ मोबाइल पर मैसेज भी भेजती है।
कैसे करें शिकायत
भ्रष्टाचार का मामला है और लोकायुक्त से शिकायत कर रहे हैं तो शपथ पत्र देना जरूरी है। रिश्वत मांगने का मामला है, तो आडियो-वीडियो सहित अन्य प्रमाण दिए जा सकते हैं। यही प्रक्रिया ईओडब्ल्यू के लिए है। शिकायत कार्यालय में जाकर करनी होती है।