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जानिए भाई दूज का चौघड़िया, क्या है तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त

Bhai Dooj Muhurat 2020:ujjain/  पांच दिनी दीप पर्व का समापन भाई-बहन के स्नेह के पर्व भाई दूज के साथ सोमवार को होगा। इस दिन द्वितीया तिथि सुबह 8.27 बजे लगेगी जो दिवस पर्यंत रहेगी। इस दिन शुभ मुहूर्त में बहन भाई का तिलककर मंगल जीवन की कामना करेगी। भाई भी बहन को उपहार देंगे। इस दिन अष्टदल कमल पर गणेश आदि की स्थापना करके यम, यमुना, चित्रगुप्त की पूजन किया जाता है। ज्योर्तिविद् पं. विजय अड़ीचवाल ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को यम द्वितीया या भैया दूज कहते हैं। इसे अपरान्ह व्यापनी पर्व माना जाता है । इस दिन यमुना स्नान यम पूजन और बहन के घर भाई का भोजन करना चाहिए। भोजन करने का विशेष महत्व है। भाईदूज की कथा कहती है कि यम और यमुना भगवान सूर्य की संतान है। दोनों भाई- बहनों में बहुत स्नेह है।

व्यस्तता के चलते यम – यमुना बहुत कम मिलते थे। एक बार यमुना अपने भाई यम से मिलने पहुंची तब यमराज ने कहा – बहन मैं बहुत प्रसन्न हूं इसलिए तुम मुझ से को वरदान मांगो। इस पर यमुना ने कहा कि भैया आप एक दिन मेरे घर पर आकर भोजन करें। यमराज कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना के घर पहुंचे तो यमुना ने अपनी भाई यम को भोजन कराया। उस समय यमलोक में बड़ा उत्सव हुआ, इसलिए इस तिथि को यमद्वितीया कहते हैं। बहन यमुना ने अपने भाई यमराज को तिलक किया और वर मांगा कि इस दिन जो यमुना स्नान करेगा और जो भाई बहन के घर भोजन करेगा उसे कभी यम यातना नहीं सहना पड़ेगी। यम देव ने बहन को वरदान दिया और स्वर्णालंकार, वस्त्र, द्रव्य आदि प्रदान किए। उस दिन से यम द्वितीया पर्व मनाया जाने लगा जो भाईदूज के दिन बहन के हाथ भोजन करता है, उसे धन,यश, आयु, धर्म, अर्थ और असीम सुख की प्राप्ति होती है।

इन चौघडियों में करें भाई का तिलक

  • – शुभ : सुबह 9:28 बजे से 10:50 बजे तक।
  • – चंचल: दोपहर 1:34 से 2:56 बजे तक।
  • -लाभ : दोपहर 2:56 से शाम 4:18 बजे तक।
  • – अमृत : शाम 4:18 से 5:40 बजे तक।

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