Disclosure of presence of plastic particles in human blood read findings of study: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ एक चौंकाने वाले नए अध्ययन में मानव रक्त में प्लास्टिक के कणों की मौजूदगी का खुलासा हुआ है। अध्ययन के अनुसार परीक्षण किए गए 77 प्रतिशत लोगों के रक्तप्रवाह में माइक्रोप्लास्टिक कण थे। डच शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि पॉलीइथिलीन टेरेफ्थेलेट (पीईटी) मानव रक्त में पाए जाने वाले प्लास्टिक का सबसे प्रचलित रूप था। पीईटी का उपयोग आमतौर पर पानी, भोजन और कपड़ों की पैकेजिंग के लिए किया जाता है। अध्ययन के मुताबिक, जांच किए गए 50 फीसदी लोगों के खून में पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट पाया गया। जबकि, जांच किए गए 36 फीसदी लोगों के खून में पॉलीस्टाइनिन मौजूद था। ब्रिटिश दैनिक द इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, अध्ययन के लेखक ने निष्कर्ष निकाला है कि प्लास्टिक हवा के साथ-साथ खाने-पीने के माध्यम से भी मानव शरीर में प्रवेश कर सकता है।
चौंकाते हैं स्टडी के निष्कर्ष
पांच प्रकार के प्लास्टिक पॉलीप्रोपाइलीन, पॉलीस्टाइनिन, पॉलीमेथाइल मेथैक्रिलेट, पॉलीइथाइलीन और पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट (पीईटी) के परीक्षण के लिए 22 लोगों के रक्त के नमूने लिए गए।
परिणामों ने शोधकर्ताओं को चौंका दिया जब उन्होंने पाया कि 22 रक्त दाताओं में से 17 में उनके रक्त में प्लास्टिक कणों का एक मात्रात्मक द्रव्यमान होता है।
रक्त नमूनों में सबसे अधिक यह भी प्लास्टिक मिला
पीईटी के बाद मानव रक्त के नमूनों में पॉलीस्टाइनिन दूसरा सबसे अधिक पाया जाने वाला प्लास्टिक था। इस तरह के प्लास्टिक का व्यापक रूप से घरेलू उत्पादों की एक विस्तृत विविधता बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
वैज्ञानिकों द्वारा रक्त में पाया जाने वाला तीसरा प्रकार का प्लास्टिक पॉलीइथाइलीन था जिसका उपयोग प्लास्टिक वाहक बैग बनाने के लिए किया जाता है।