12 मौजूदा मंत्रियों का भविष्य दांव पर

ईवीएम के साथ ही डाक मतपत्र गिने जाएंगे। इस बार 27 हजार उन मतदाताओं ने डाक मतपत्रों से मताधिकार का उपयोग किया जो 80 साल से अधिक आयु, निशक्तजन या कोरोना संक्रमित या संदिग्ध थे। इस उपचुनाव में 12 मौजूदा मंत्रियों का भविष्य दांव पर है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए 22 विधायकों में से 12 इस समय सरकार में मंत्री हैं, दो पूर्व मंत्री भी मैदान में हैं। मध्‍य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के चुनाव काफी महत्‍वपूर्ण बन गए हैं।

16 सालों में 31 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए

मध्य प्रदेश में 2003 के विधानसभा चुनाव के बाद से 16 सालों में 31 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए पर यह पहला मौका है, जब एक साथ 28 सीटों के उपचुनाव सत्ता का भविष्य तय करेंगे।

उपचुनाव से जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कुर्सी का भविष्य तय होगा तो वहीं राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया का सियासी कद भी आज आने वाले नतीजों से तय हो जाएगा। भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए ये उपचुनाव आसान नहीं है। अब तक के उपचुनाव के परिणामों पर नजर दौड़ाएं तो भाजपा 19 और कांग्रेस 11 सीटों पर विजयी रही है। एक सीट पर समाजवादी पार्टी भी उपचुनाव जीती थी।