Thursday , December 26 2024
Breaking News

Spiritual: 9 औषधियां जिन्हें ‘नवदुर्गा’ कहा जाता है, जानिए इनके सेवन से क्या होते हैं फायदे

Navdurga medicines: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ यूं तो सेहतमद रहने के लिए भारतीय आयुर्वेद में असंख्य औषधियों के बारे में जानकारी दी गई है, लेकिन 9 औषधियां ऐसी है, जिन्हें आयुर्वेद में नवदुर्गा की संख्या दी गई है। इन 9 औधषिओं के सेवन के कई गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रह सकते हैं, साथ ही रोगी को तत्काल आराम भी मिलता है। आइए जानते हैं कौन सी है वे नौ औषधियां है, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है –

प्रथम शैलपुत्री (हरड़)
कई प्रकार के रोगों में काम आने वाली औषधि हरड़ हिमावती है जो देवी शैलपुत्री का ही एक रूप है। यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है यह पथया, हरीतिका, अमृता, हेमवती, कायस्थ, चेतकी और श्रेयसी सात प्रकार की होती है।
ब्रह्मचारिणी (ब्राह्मी)
ब्राह्मी आयु व याददाश्त बढ़ाकर, रक्तविकारों को दूर कर स्वर को मधुर बनाती है, इसलिए इसे सरस्वती भी कहा जाता है।

चंद्रघंटा (चंदुसूर)

यह एक ऎसा पौधा है जो धनिए के समान है। यह औषधि मोटापा दूर करने में लाभप्रद है इसलिए इसे चर्महंती भी कहते हैं।
कूष्मांडा (पेठा)
इस औषधि से पेठा मिठाई बनती है, इसलिए इस रूप को पेठा कहते हैं। इसे कुम्हड़ा भी कहते हैं जो रक्त विकार दूर कर पेट को साफ करने में सहायक है। मानसिक रोगों में यह अमृत समान है।
स्कंदमाता (अलसी)
देवी स्कंदमाता औषधि के रूप में अलसी में विद्यमान है। यह वात, पित्त व कफ रोगों की नाशक औषधि है।
कात्यायनी (मोइया)
देवी कात्यायनी को आयुर्वेद में कई नामों से जाना जाता है जैसे अम्बा, अम्बालिका व अम्बिका। इसके अलावा इन्हें मोइया भी कहते हैं। यह औषधि कफ, पित्त व गले के रोगों का नाश करती है।
कालरात्रि (नागदौन)
यह देवी नागदौन औषधि के रूप में जानी जाती है। यह सभी प्रकार के रोगों में लाभकारी और मन एवं मस्तिष्क के विकारों को दूर करने वाली औषधि है।
महागौरी (तुलसी)
तुलसी सात प्रकार की होती है सफेद तुलसी, काली तुलसी, मरूता, दवना, कुढेरक, अर्जक और षटपत्र। ये रक्त को साफ कर ह्वदय रोगों का नाश करती है।
सिद्धिदात्री (शतावरी)
दुर्गा का नौवां रूप सिद्धिदात्री है जिसे नारायणी शतावरी कहते हैं। यह बल, बुद्धि एवं विवेक के लिए उपयोगी है।

About rishi pandit

Check Also

शनि त्रयोदशी का दिन शनिदेव और भगवान शिव को समर्पित, जानें शुभ मुहूर्त और विधि

शनि त्रयोदशी का दिन शनिदेव और भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन भगवान …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *