One more death due to corona in indore 13 new patients found third wave more dangerous for children: digi desk/BHN/इंदौर/गुरुवार को कोरोना संदिग्ध 6681 मरीजों के सैंपल जांचे गए जिसमें से 13 नए संक्रमित मरीज मिले। गुरुवार देर रात जारी बुलेटिन के मुताबिक अब तक 30 लाख 83 हजार 331 सैंपलों की जांच की जा चुकी हैं। इनमें से 1 लाख 53 हजार 517 पाॅजिटिव पाए गए। गुरुवार को 6 मरीज हाॅस्पिटल से डिस्चार्ज किए गए। अब तक स्वस्थ होकर घर जाने वालों की संख्या 1 लाख 52 हजार 25 हो चुकी है। फिलहाल 97 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। गुरुवार को संक्रमण से एक मरीज की मौत हुई। अभी तक कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 1395 हो चुकी है।
तीसरी लहर की आशंका
नए वैरिएंट के कारण तीसरी लहर की आशंका बढ़ गई है। खासकर बच्चों के लिए ओमिक्रोन खतरनाक साबित हो सकता है,क्योकि यह जल्दी फैलता है। बच्चे वैसे ही कोविड प्रोटोकाल का पालन गंभीरता से नहीं कर पाते है। ऐसे में वे जल्दी संक्रमित होंगे। परिवार के वयस्क सदस्यों को दोनो डोज लगी होने के कारण कोरोना उनके लिए घातक भले ही साबित न हो, लेकिन वे संक्रमण के वाहक बन सकते है। चिकित्सकों का कहना है कि ओमिक्रोन जल्दी फैलता है, इसलिए दूरी और मास्क की अनिर्वायता का पालन ज्यादा करना होगा।
जल्द ही तैयार होंगे कोविड केयर सेंटर के 2500 बेड
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि देश के अन्य राज्यों व प्रदेश के अलग-अलग शहरों में कोविड संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। इसे देखते हुए हम इंदौर में 2500 बेड के कोविड केयर सेंटर तैयार कर रहे है। इंडेक्स मेडिकल कालेज ने 500 बेड व सेवाकुंड अस्पताल ने 300 बेड के कोविड केयर सेंटर का प्रस्ताव दिया है। यहां पर 700 रुपये प्रतिदिन के खर्च में स्वास्थ्य सुविधाएं मरीजों को मिलेगी। इसके अलावा राधा स्वामी कोविड केयर सेंटर में 1200 बेड तैयार किए जाएंगे। यहां पर छह दिन में 600 बेड का सेंटर तैयार होगा।
अभी एमआरटीबी अस्पताल में मरीजाें को भर्ती किया जा रहा है। जरुरत पड़ने पर एमटीएच व सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में में मरीजों को भर्ती किया जाएगा। पीसी सेठी अस्पताल में कोविड संक्रमित गर्भवती महिलाओं के लिए बेड आरक्षित किए गए है। मैं जनता अपनी सुरक्षा स्वयं करें। सार्वजनिक व भीड़ भरे इलाके में हमेशा मास्क लगाकर रहे। अभी ढाई से पौने तीन लाख लोग बाकी है जिन्हें कोविड की दूसरी डोज नहीं लगी। इनमें अधिकांश वो लोग है जो शहर से बाहर जा चुके है। कई लोग रोजगार के लिए दूसरे शहरों में जा चुके है। कई लोगों ने दूसरे मोबाइल नंबरों से दूसरी डोज लगवा ली है। अभी भी हम लोगों को खोज-खोजकर टीके लगाने का प्रयास कर रहे है।