The work of classification of obc reservationis now complete four categories: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ आरक्षण के बाद भी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की पिछड़ी रह गई जातियों को आगे बढ़ाने का फार्मूला फिलहाल तैयार हो गया है। इसके तहत ओबीसी आरक्षण की चार श्रेणियां तैयार होंगी। इनमें ओबीसी की पिछड़ी सभी जातियों के लिए अलग से श्रेणी होगी। हालांकि इसकी अंतिम रिपोर्ट कब आएगी यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन रोहणी आयोग ने इसे जुड़ा काम फिलहाल पूरा कर लिया है।
अंतिम रिपोर्ट देने पर आयोग अभी भी संशय में, सरकार के संकेत का इंतजार
वैसे तो आयोग के कार्यकाल को 10वीं बार जिस तरीके से 31 जुलाई, 2021 को विस्तार दिया गया था, उससे साफ संकेत मिल रहे थे कि यह रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के मार्च में होने वाले चुनाव से पूर्व आ जाएगी। हालांकि अभी तक इस रिपोर्ट को लेकर आयोग से लेकर सरकार तक सभी चुप हैं। आयोग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, आयोग का काम पूरा जरूर हो गया है, लेकिन अभी उसका कार्यकाल काफी बचा हुआ है, ऐसे में सरकार से संकेत मिलते ही रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।
पांच राज्यों के चुनाव से पहले रिपोर्ट आने की थी संभावना
फिलहाल आयोग ने ओबीसी आरक्षण के वर्गीकरण का यह फार्मूला पूरी तरह से तथ्यपरक और वैज्ञानिक आधार पर तैयार किया है। इससे पहले उन्होंने सभी शैक्षणिक संस्थानों से इससे जुड़े आंकड़े जुटाए हैं।आयोग के मुताबिक, इन चार श्रेणियों का स्वरूप क्या है, इसे लेकर दो से अधिक सुझाव दिए गए हैं। ऐसे में अंतिम रूप से इनमें से कौन सा फार्मूला मान्य होगा, यह सरकार के ऊपर निर्भर है। लेकिन यह फार्मूला चार श्रेणी में ही बंटा हुआ है। आयोग की मानें तो अब तक जो भी जिम्मेदारी उन्हें दी गई थीं, वे सभी पूरी हो गई हैं। मंत्रालय को भी इसके अवगत कराया जा चुका है।
मालूम हो कि आयोग ने अपने अध्ययन में पाया है कि ओबीसी को मिलने वाले 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ अब तक उनकी करीब एक हजार जातियों ने ही सबसे ज्यादा लिया है। इनमें करीब 50 प्रतिशत लाभ सौ जातियों ने लिया है। मौजूदा समय में केंद्रीय सूची में ओबीसी की करीब 27 सौ जातियां हैं। कई राज्य ओबीसी आरक्षण का वर्गीकरण पहले ही कर चुके हैं।