SC says states first responsibility is to provide food to people dying of hunger: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ सुप्रीम कोर्ट ने लोगों के भोजन यानी भूख की ¨चता करते हुए केंद्र सरकार से कहा है कि वह सामुदायिक रसोई के बारे में एक माडल नीति बनाए। कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस पर राज्यों के साथ बैठक कर विचार-विमर्श करने को कहा है। साथ ही सभी राज्यों को केंद्र द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि लोग भूख से मर रहे हैं। हमारी चिंता समाज के अंतिम व्यक्ति की भूख को लेकर है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह एक योजना बनाए और क्षेत्र चिह्नित करे। जहां भुखमरी है वहां प्राथमिकता के आधार पर योजना लागू करे। कोर्ट ने इस बारे में दाखिल किए गए केंद्र सरकार के हलफनामे पर असंतुष्टि और नाराजगी जताते हुए सरकार को तीन सप्ताह में योजना बना कर पेश करने को कहा है।
ये निर्देश मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सामुदायिक रसोई योजना लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए। पीठ ने सुनवाई के दौरान साफ किया कि कोर्ट सिर्फ भुखमरी को लेकर ¨चतित है। कुपोषण पर विचार नहीं कर रहा। योजना कुपोषण के अंतरराष्ट्रीय इंडेक्स के लिहाज से नहीं चाहिए। दोनों चीजों को मिलाने की जरूरत नहीं है। इसमें कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।
केंद्र सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट की ¨चता से सहमति जताते हुए कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम में लोगों को भोजन मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कोर्ट से कहा कि चार सप्ताह का समय दिया जाए। उन्हें लगता है कि सरकार चार सप्ताह में योजना तैयार कर लेगी और वे इसे कोर्ट के समक्ष पेश करेंगे। लेकिन कोर्ट ने तीन सप्ताह का समय दिया।
सुनवाई की शुरुआत में केंद्र सरकार की ओर से एएसजी माधवी दीवान पेश हुई, क्योंकि वेणुगोपाल दूसरी अदालत में व्यस्त थे। माधवी ने केंद्र के हलफनामे का हवाला दिया, जिसमें केंद्र ने राज्य सरकारों से उनके यहां चलाई जा रही सामुदायिक रसोई का ब्योरा मांगा था। पीठ ने कहा कि पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने केंद्र को इस बारे में एक योजना बनाने और राज्यों के साथ बैठक में चर्चा कर निर्णय लेने को कहा था। बताएं बैठक कब हुई और क्या निर्णय लिया गया? आपके हलफनामे में योजना का कोई जिक्र नहीं है। ऐसा नहीं चलेगा। इस हलफनामे में एक भी शब्द योजना के बारे में नहीं है, जबकि कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर केंद्र से सामुदायिक रसोई के बारे में माडल नीति बनाने को कहा था।
इतने में अटार्नी जनरल वेणुगोपाल आ गए। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अनाज और पका भोजन उपलब्ध करना सरकार की जिम्मेदारी है। पिछली बैठक में कोई निर्णय नहीं हो पाया। समय दें। सरकार संवैधानिक प्रविधानों के मुताबिक योजना बनाकर पेश करेगी।