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Heavy rain in uttarakhand: उत्तराखंड के कुमाऊं में तबाही का मंजर, 40 की हुई मौत, सड़क तक पहुंचा नैनी झील का पानी

Heavy rain in uttarakhand, 40 people killed: digi desk/BHN/ हल्द्वानी/ उत्तराखंड के कुमाऊं में रविवार रात से हो रही भारी बारिश के बाद तबाही का मंजर देखने को मिला। मंगलवार को कुमाऊं के छह जिलों में 40 लोगों की मौत हुई है। इसमें नैनीताल जिले के सर्वाधिक 29 लोग शामिल हैं। ऊधम सिंह नगर व चंपावत के मैदानी इलाकों से 6800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। नैनीताल व पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय का सड़क संपर्क पूरी तरह से कट गया है। काली, गोरी, सरयू, गोमती, शारदा, कोसी और गौला नदी उफान पर हैं। बारिश कितनी भीषण है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि नैनी झील के लबालब होने के बाद पहली बार माल रोड व बोट हाउस क्लब तक पानी भर गया है। झील का पानी ओवरफ्लो होकर दुकानों में घुसने लगा तो सेना की मदद से दुकानदारों को सुरक्षित निकाला गया। हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाईवे पर गरमपानी व खैरना क्षेत्र में आपदा को देखते हुए 14-डोगरा रेजीमेंट के जवानों ने खाद्य सामग्री व दवाइयां बांटी हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारी बारिश के कारण हुई जानमाल की क्षति पर शोक व्यक्त किया। साथ ही घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की। आपदा को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से बातचीत कर हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

हिमालय में हिमपात जारी

पिथौरागढ़ जिले में भारी बारिश का दौर जारी है। वहीं, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लगातार हिमपात हो रहा है। गांव कुटी, दांतू, मिलम आदि बर्फ से ढक चुके हैं। इससे मुनस्यारी के मालूपाती और पिथौरागढ़ के क्वीताड़ गांव में दो मकान क्षतिग्रस्त हो चुके है।

माल रोड तक पहुंचा नैनी झील का पानी

नैनीताल में रातभर लगातार मूसलाधार बारिश के चलते लोगों में डर बना रहा। अतिसंवेदनशील इलाकों के लोगों ने दहशत के बीच रात काटी। नैनीताल के स्नो व्यू क्षेत्र में मंगलवार को 445 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। झील के निकासी गेट सोमवार से ही खोले जाने के बावजूद पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर बहने लगा। नैनी झील खतरे के निशान से 12 फीट ऊपर पहुंच गई, जिसके चलते पानी सड़क पर बहने लगा।

खतरे के निशान के करीब गंगा

उत्तराखंड में तीन दिन से लगातार जारी बारिश के बीच पहाड़ से लेकर मैदान तक नदी-नाले उफान पर हैं। हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान पर बह रही है। जबकि ऋषिकेश में यह चेतावनी रेखा के करीब बह रही है। इसके अलावा अलकनंदा के साथ ही मंदाकिनी और सहायक नदियां खतरे के निशान के करीब हैं।  लगातार हो रही बारिश के कारण रामनगर में कार्बेट पार्क में जिप्सी सफारी के लिए बनाए गए कच्चे रूट बह गए हैं। ऐसे में अभी डे सफारी व नाइट स्टे शुरू होने में समय भी लग सकता है।

फरिश्ता बनी एसडीआरएफ

भारी बारिश के चलते उत्तरकाशी और चमोली के ट्रैकिंग रूट पर फंसे पर्यटकों को निकालने का काम जारी है। राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और वन विभाग की टीम संयुक्त रूप से पर्यटकों को सकुशल निकालने में जुटी है। इसके तहत गंगोत्री नेशनल पार्क से 134 और चमोली जिले में रुद्रनाथ ट्रैक पर 10 पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहीं, ऋषिकेश के रायवाला के समीप एक टापू में वन गुर्जर परिवार के 25 सदस्य फंस गए। पुलिस व एसडीआरएफ टीम ने रेस्क्यू कर सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

 

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