Aryan Drugs Case: digi desk/BHN/ मुंबई क्रूज शिप ड्रग्स मामले में गिरफ्तार आर्यन खान (Aryan Khan) की जमानत याचिका पर आज लंबी सुनवाई हुई। लेकिन जमानत पर कोई फैसला नहीं हो सका और सुनवाई कल तक के लिए टल गई है। अब आगे की सुनवाई कल जारी रहेगी। मुंबई की सेशंस कोर्ट में आर्यन, अरबाज मर्चेट और मुनमुन धमेचा की जमानत याचिका पर अब गुरुवार को 12 बजे सुनवाई होगी। आर्यन की ओर से मामले में सतीश मानशिंदे और अमित देसाई ने जिरह की। आज मामले की सुनवाई शुरू होते हीआर्यन के पक्ष में दलील रखते हुए अमित देसाई ने कहा, ‘ आर्यन को प्रतीक गाबा ने बुलाया था जो आर्गेनाइजर नहीं है और न ही वो गिरफ्तार हुए हैं. उनके कहने पर यह (आर्यन) वहां पहुंचे लेकिन चेक-इन करने से पहले ही एनसीबी ने इन्हें हिरासत में लिया.उन्होंने कहा, ‘आर्यन के पास कैश नहीं था इसलिए वो ड्रग्स खरीद नहीं सकता था। उसके पास से ड्रग्स नहीं मिला इसलिए वो इसका सेवन नहीं करने वाला था।’
दूसरी ओर, एनसीबी कहना है कि आर्यन ने माना कि अरबाज़ के पास मौजूद चरस का सेवन वे करने वाले थे, लेकिन अदालत को भी पता है कि किस तरह से चीजों को एडमिट (स्वीकार) करवाया जाता है। गौरतलब है कि आर्यन खान, अरबाज़ मर्चेंट और मुनमुन को 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल आर्यन और अन्य आरोपी मुंबई की आर्थर रोड़ जेल में बंद हैं। एनसीबी ड्रग्स मामले में छापामारी कर रही है। उन्होंने इस मामले में अंतरराष्ट्रीय तार जुड़े होने का दावा किया है। एक नाइजीरियन नागरिक को भी अरेस्ट किया गया है।
आर्यन के ड्राइवर से भी पूछताछ
बता दें की एनसीबी की एक टीम ने कॉर्डेलिया क्रूज पर ड्रग्स पार्टी का पर्दाफाश किया। जो 2 अक्टूबर को मुंबई से गोवा जा रही थी। इस मामले में आर्यन खान, अरबाज सेठ मर्चेंट, मुनमुन धमेचा, विक्रांत, इसमीत सिंह, नुपुर सारिका, गोमित चोपड़ा और मोहत जसवाल को 4 अक्टूबर को मुंबई की एस्प्लेनेड कोर्ट में पेश किया गया। सभी आरोपियों को तक एनसीबी की हिरासत में भेज दिया था। एनसीबी ने आर्यन के ड्राइवर से भी पूछताछ की। अब तक इस केस में 20 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
इन धाराओं पर दर्ज हुआ केस
आर्यन खान और अन्य आरोपियों पर एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8(सी), 20 (बी), 27,28,29 और 35 के तहत आरोप लगाए गए थे। आर्यन की जमानत याचिका मजिस्ट्रेट अदालत ने 8 अक्टूबर को खारिज कर दी। कोर्ट का कहना था कि आवेदन विचारणीय नहीं है, क्योंकि विशेष सत्र अदालत ही जमानत याचिका पर सुनवाई करने का हकदार है।