Loan Restructuring:newdelhi/ Covid-19 महामारी के बीच Reserve Bank of India (RBI) ने लोन रिस्ट्रक्चरिंग को लेकर बड़ा ऐलान किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने स्पष्ट किया कि ऐसे मानक ऋण खाते, जिनमें एक मार्च 2020 तक कोई चूक नहीं हुई थी, वे ही अगस्त में महामारी संबंधी समाधान मसौदे के तहत पुनर्गठन (Loan Restructuring Scheme) के पात्र हैं। RBI ने अपने 6 अगस्त के परिपत्र पर यह स्पष्टीकरण मंगलवार देर रात कर्जदारों के साथ ही कर्जदाताओं को भी जारी कर दिया।
Reserve Bank of India ने कहा कि ऐसे लोन खाते जिनमें एक मार्च 2020 को 30 दिन से अधिक का बकाया था, वे Covid-19 समाधान मसौदे (Pandemic Resolution Framework) के तहत पुनर्गठन के पात्र नहीं हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पुनर्गठन मसौदा सिर्फ योग्य कर्जदारों पर लागू है, जिन्हें एक मार्च 2020 को मानक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। केंद्रीय बैंक ने हालांकि कहा कि ऐसे खातों का सात जून, 2019 के विवेकपूर्ण मसौदे के तहत समाधान किया जा सकता है।
इसी तरह नियायक ने कहा कि परिचालन शुरू करने की तारीख के स्थगन (DCCO) से संबंधित परियोजना ऋणों को समाधान मसौदे के दायरे से बाहर रखा गया है और ऐसे सभी खाते सात फरवरी, 2020 और अन्य संबंधित निर्देशों के अनुसार प्रशासित होंगे। एक ही कर्जदार को कई ऋणदाताओं द्वारा ऋण देने के मामले में सभी उधार देने वाले संस्थानों को एक अंतर-साख समझौता करना होगा।
क्रेडिट रेटिंग पर यह कहा
SBI ने किया था ऐलान
उधारकर्ताओं पर Covid-19 महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने हाल ही में लोन रिस्ट्रक्चरिंग का ऐलान किया था। RBI के दिशा-निर्देशानुसार, अन्य बैंक भी अपना-अपना रिस्ट्रक्चरिंग प्लान ला सकते हैं।