Afghanistan crisis : digi desk/BHN/ काबुल एयरपोर्ट पर हजारों लोगों के जुटने और देश छोड़ने की कोशिशों से तालिबान की काफी किरकिरी हो रही है। इसे देखते हुए उसने अफगान नागरिकों के एयरपोर्ट जाने पर रोक लगा दी है। एयरपोर्ट पर अब सिर्फ विदेशियों को ही जाने की इजाजत है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि भीड़ को वहां इकट्ठा होने से रोकने और सुरक्षा मुद्दों से बचने के लिए अफगान नागरिकों को अब हवाई अड्डे पर जाने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा तालिबान ने अमेरिका से भी आग्रह किया है कि अफगानों को वहां से निकालने की कोशिश ना करें। मुजाहिद ने कहा कि देश में जनजीवन सामान्य हो रहा है लेकिन हवाईअड्डे पर अव्यवस्था समस्या बनी हुई है।
तालिबान ने अपनी छवि सुधारने के लिए कई तरह के प्रयोस किये हैं। तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा, ‘पूरे अफगानिस्तान में सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और मदरसे काम कर रहे हैं। महिलाओं को संस्थानों में जाने से रोकने का मामला अस्थायी है, इसका समाधान किया जाएगा। किसी भी तरह के दुर्व्यवहार को रोकने के लिए यह वर्तमान में उनके लाभ के लिए है। उन्हें अभी घर में रहना चाहिए। उन्हें हटाया नहीं जा रहा है और उनके वेतन का भुगतान घर पर किया जाता है।
दुनिया को तालिबान पर नहीं भरोसा
इस बीच, अफगानिस्तान संकट पर चर्चा के लिए दुनिया के सात शीर्ष देशों – कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका की वर्चुअल बैठक हो रही है। इनमें से जर्मनी और कनाडा सीधे तौर पर तालिबानी शासन के खिलाफ हैं। सोमवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने तालिबान को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि तालिबान के लोग आतंकवादी हैं और दुनिया को इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने के लिए आगे बढ़ना चाहिए।