जबलपुर। खनन कारोबार से जुड़े व्यवयायी मुकेश लांबा के 13 वर्षीय पुत्र आदित्य लांबा की अपहर्ताओं ने हत्या कर दी। रविवार सुबह पनागर क्षेत्र के बिछुआ गांव से गुजरी नहर में बालक का शव मिला। मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। यह सभी पूर्व परिचित बताए जा रहे हैं। मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस की जानकारी में पूरा घटनाक्रम होने के बाद भी आरोपितों ने परिजन के जरिए तकरीबन 8 लाख रुपये 16 अक्टूबर को फिरौती के रूप में वसूल भी लिए थे। इसकेे बावजूद पुलिस अपहर्ताओं तक नहीं पहुंच सकी। अपहर्ताओं ने परिजनों से 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। इधर, बालक के शव की जानकारी मिलने पर धनवंतरि नगर के व्यापारी सड़कों पर उतर आए। दुकानें बंद कर पुलिस की लापरवाही पर आक्रोश जताया।
पुलिस ने निकाला जुलूस
पुलिस ने अपहरण के तीनों आरोपितों का रविवार शाम चार बजे अधारताल चौराहे से जुूलूस निकाला। आरोपितों करण जग्गी, मोनू विश्वकर्मा ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने पैसे के लिए आदित्य का अपहरण किया था। 8 लाख रुपये मिलने के बाद शुक्रवार शाम बालक की नहर में फेंककर हत्या कर दी। इधर, पुलिस ने मामले का अब तक खुलासा नहीं किया है। शाम तक पुलिस पत्रकारों को पूरी जानकारी दे सकती है।
घर के पास से किया था अपहरण
गुरुवार 15 अक्टूबर की शाम सात बजे आरोपितों ने शहर के धनवंतरि नगर क्षेत्र से आदित्य लांबा का उसके घर के पास से अपहरण कर लिया था। बालक नजदीकी दुकान से बिस्किट लेने के लिए गया था। घटना के पंद्रह मिनट के अंदर आदित्य की मां के फोन पर आरोपितों ने 2 करोड़ रुपये की फिरौती की मांगी थी। कब, कहां राशि लाना है यह नहीं बताया था। इसके बाद आरोपित फोन पर लगातार फिरौती मांगते रहे। जानकारी मुताबिक शुक्रवार 16 अक्टूबर को बालक के पिता मुकेश लांबा ने अपने पड़ोसी संजय मिश्रा के जरिए तकरीबन 8 लाख रुपये अपहर्ताओं तक पहुंचा भी दिए थे।