Madhya Pradesh Assembly:digi desk/BHN/ भोपाल/ श्योपुर जिले में बाढ़ से हुई तबाही और राहत कार्यों में लापरवाही पर सदन में चर्चा की मांग कर रहे श्योपुर से कांग्रेस विधायक बाबू जन्डेल ने चर्चा का मौका न मिलने पर अपना कुर्ता फाड़कर विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है और बाढ़ पीड़ित लोगों के पास खाने-पीने की सामग्री, पहनने के लिए कपड़े और जूते-चप्पल तक नहीं हैं। सब कुछ तबाह हो गया है और सरकार सदन में इस पर चर्चा भी नहीं करना चाहती है। जन्डेल ने कहा कि क्षेत्र का जन प्रतिनिधि होने के नाते मुझे अपना बात रखने का पूरा हक है, पर सरकार कुछ नहीं सुनना चाहती है। उन्होंने श्योपुर के पूर्व कलेक्टर की कार्यप्रणाली पर भी नाराजगी जताई। विधायक ने आरोप लगाया कि गांवों में पंचायतें छोटे-छोटे काम नहीं करवा रही हैं।
उन्होंने कहा कि जिले में उत्तराखंड जैसा संकट आया है। बाढ़ में फंसकर घरों में ही मर चुके मवेशियों को हटाने कोई नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा सरकार मुआवजा तो बाद में अभी तो जरूरत का सामान दे दे। मुख्यमंत्री श्योपुर जिले के दौरे पर जाने वाले थे, पर अधिकारियों ने उन्हें नहीं जाने दिया। अनाज नहीं मिल रहा है। अधिकारियों ने कह दिया सड़ गया है। जबकि श्योपुर में साइलो है, जिससे आपूर्ति की जा सकती है।
बाढ़ प्रभावित श्योपुर में 209 अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम सफाई में जुटी
अतिवृष्टि और बाढ़ प्रभावित श्योपुर में 209 अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम सफाई में जुटी है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि अगले तीन दिन में शहर को पूरी तरह साफ-सुथरा करने का प्रयास है। इसके बाद भी सफाई अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित श्योपुर को स्वच्छतम शहर बनाया जाएगा। श्योपुर में दो अधीक्षण यंत्री, अतिरिक्त रूप से तीन सीएमओ, चार उपयंत्री और दो सौ सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं।
मंत्री ने बताया कि श्योपुर में 13 जेसीबी, छह डंपर, सात सीवर सक्शन मशीन, तीन जेटिंग मशीन, 26 ट्रेक्टर-ट्रॉली, 15 ट्रेक्टर स्क्रेपर और छह फायर फाइटर सहित अन्य मशीनें सफाई एवं अन्य कामों में लगी हैं। उन्होंने बताया कि श्योपुर में पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से बहाल कर दी गई है। 106 में से 105 ट्यूबवेल चालू कर दिए गए हैं। जहां जरूरत है, वहां टैंकर भी लगाए गए हैं।
12 अगस्त से मिलेगी ई-एफआइआर की सुविधा
प्रदेश में 12 अगस्त से ई-एफआइआर की सुविधा शुरू होगी। अभी यह सुविधा प्रायोगिक तौर पर रहेगी और इसमें 15 लाख रुपये तक के वाहन चोरी तथा एक लाख स्र्पये तक की चोरी की एफआइआर दर्ज की जा सकेगी। पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जोनल आइजी/डीआइजी तथा जिले के पुलिस अधीक्षकों से ई-एफआइआर के संबंध में तैयारियों की समीक्षा की।