सतना/चित्रकूट,भास्कर हिंदी न्यूज़/ चित्रकूट के बहुचर्चित सगे जुड़वा भाई श्रेयांश और प्रियांश की स्कूल बस से अगवा करके बेरहमी से निर्मम हत्या करने के मामले में आखिरकार अब फैसले की घड़ी नजदीक आ गई है। माना जा रहा है की सोमवार 26 जुलाई को इस निर्मम हत्याकांड के दोषियों को अदालत सजा सुना देगी। गौरतलब है कि जेल में बंद आरोपियों में एक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। बाकी हत्या के आरोपियों की सजा का फैसला सोमवार को होगा।
क्या है मामला
ज्ञात हो कि विगत 12 फरवरी 2019 को सतगुरु सेवा संघ ट्रस्ट के अंदर से चलती बस से असलहे की नोक पर तेल व्यापारी बृजेश रावत के दो मासूम जुड़वा बेटे श्रेयांश और प्रियांश का अपहरण किया गया था और निर्ममता पूर्वक हत्या करके दोनों के शव नदी में फेंक दिए गए थे। इस मामले में आने वाले फैसले को लेकर के चित्रकूट के लोगों में भारी उत्सुकता देखने को मिल रही है। यहां ठेले वाले हो या ऑटो वाले हो। माली हो या मंदिर के पुजारी, साधु-संतों सभी स्थानीय लोग को इस न्याय का बेसब्री से इंतजार है।
इस तरह की वारदात करने वालों को होनी चाहिए फांसी, लोगों को यही उम्मीद
- रामघाट में मंदिर के सामने माला बनाने वाले और फूल बेचने वाले माली राजेश सैनी का कहना है कि आज तक हमने ऐसी घटना कभी नहीं देखी है और ना सुनी है जिस तरह से उन मासूम बच्चों को दरिंदों ने तड़पा-तड़पा कर मारा है मैं भगवान से यही कामना करता हूं कि उनको न्याय मिले और इन सभी हत्यारों को सूली पर लटका दिया जाए।
- रामधाम निवासी युवक बालेंद्र ओझा का कहना है कि चित्रकूट के इतिहास में एक काला अक्षर लिखा गया था जिस दिन इन बच्चों को अपहरण करके इनकी निर्मम हत्या की गई थी ऐसे लोगों को फांसी से कम सजा नहीं मिलनी चाहिए।
- गजेंद्र नाथ शिव मंदिर के पुजारी विपिन तिवारी का कहना है कि भोलेनाथ से यही कामना करते हैं कि जिस तरह से उन दो मासूम मासूमों को तडपा -तडपा कर इन राक्षसों ने मारा है भगवान भोलेनाथ इन लोगों को भी ऐसी सजा दें जिससे दोबारा कोई इन ऐसे मासूमों के साथ ऐसी घटना दोहराने की सोचे भी नहीं हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है जो भी फैसला आएगा वह एक नजीर होगा।
- समाजसेवी श्याम पटेल का कहना है कि हमने अपनी याददाश्त में ऐसी घिनौनी करतूत कभी नहीं देखी जब बच्चों को स्कूल से उठा लिया जाए और उन की निर्मम हत्या कर दी जाए माता-पिता बच्चों को सबसे सुरक्षित स्कूल में ही मानते हैं अगर स्कूल में ऐसी घटनाएं होंगी तो ऐसे में प्रत्येक मां बाप के जेहन में बच्चों की सुरक्षा को लेकर भाव रहेगा जिससे बच्चों के भविष्य में को प्रभाव पड़ेगा न्याय प्रणाली पर हमारा भरोसा है हम यह कामतानाथ से कामना करेंगे कि ऐसा फैसला आए जिससे देश ही नहीं पूरे विश्व में कभी भी कोई मासूमों के साथ शिक्षा लेने के दौरान ऐसी घिनौनी वारदात को अंजाम न दे।
- चित्रकूट मंदाकिनी में नाव चलाने वाले केवट बबली निषाद का कहना है कि इस घटना ने हम लोगों के जेहन में ही नहीं बल्कि बच्चों के जहन में इतना भर दिया है कि आज भी बच्चे रात-रात को जाग कर पूछते हैं पापा श्रेयांश, प्रियांशको जिसने मारा है उनका क्या हुआ क्या अभी जिंदा है क्या हम लोगों को भी मार डालेंगे हमारी भगवान से यही कामना है मंदाकिनी मैया उनको ऐसी सजा दें जिससे बच्चों के जहन से उन राक्षसों का भय जा सके।