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तीन विधानसभा सीटों सहित खंडवा लोकसभा सीट में जीत पार्टी के लिए बनी चुनौती
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नए चेहरे को मौका देेना चाहती है भाजपा
सतना/भोपाल,भास्कर हिंदी न्यूज़/ दमोह के बाद अब तीन विधानसभा क्षेत्रों और खंडवा संसदीय क्षेत्र के लिए प्रस्तावित उपचुनाव की हलचल तेज हो गई है। भाजपा इन सीटों पर नए चेहरे को मौका देेना चाहती है। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित जोबट (आलीराजपुर जिला), सामान्य सीट पृथ्वीपुर (निवाड़ी जिला) और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रैगांव (सतना जिला) में बारिश थमते ही उपचुनाव होने की संभावना है। भाजपा संगठन और सरकार दोनों ही स्तर पर उपचुनाव की तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। दमोह उपचुनाव में जीत हासिल कर कांग्रेस भी उत्साहित है और वह इस उपचुनाव को आने वाले विधानसभा चुनाव का रिहर्सल मानकर तैयारी कर रही है।
अजा-अजजा पर विशेष फोकस, पिछले दस दिन में कई बैठकें
भाजपा तीन विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर बेहद गंभीर है। पार्टी ने जोबट और रैगांव की तैयारी के मद्देनजर अनुसूचित जाति मोर्चा और अनुसूचित जनजाति मोर्चा की पिछले दस दिन में कई बार बैठक बुलाई । इन वर्ग के अलग-अलग लोगों से पार्टी बात कर रही है। मकसद यही है कि हर हाल में उपचुनाव में जीत हासिल की जा सके। दरअसल जोबट से कांग्रेस की कलावती भूरिया 2018 में चुनाव जीती थीं। उनके निधन से यह सीट खाली हुई है। रैगांव से भाजपा के विधायक जुगलकिशोर बागरी का भी कोराना से निधन हो गया था। कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन से पृथ्वीपुर सीट खाली हुई है।
खंडवा: भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के निधन से खाली हुई इस सीट पर प्रत्याशी चयन के मुद्दे पर पार्टी ने कवायद प्रारंभ कर दी है। अब तक यहां से नंदकुमार के बेटे हर्षवर्द्धन सिंह चौहान, पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस और पूर्व सांसद कृष्ण मुरारी मोघे सहित कई दिग्गज दावेदारी कर रहे हैं। मोघे खरगोन से एक बार सांसद रह चुके हैं। आसपास के क्षेत्रों में वे संगठन मंत्री रह चुके हैं। वहीं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की भी खंडवा से दावेदारी मानी जा रही है।
इधर पार्टी जिन नए चेहरों पर विचार कर रही है, उनमें बुरहानपुर निवासी ज्ञानेश्वर पाटिल का नाम सामने आया है। पिछड़ा वर्ग के पाटिल जिला पंचायत खंडवा के अध्यक्ष रह चुके हैं। इनके अलावा राजपाल सिंह तोमर की भी मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। ये जिला पंचायत के अध्यक्ष रहे हैं। कृषि मंडी के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का भी नाम संगठन के पास आया है। दरअसल, यहां कांग्रेस से पूर्व सांसद अरुण यादव की दावेदारी काफी मजबूत है। भाजपा इस सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए कोई मजबूत प्रत्याशी उतारना चाहती है।