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July Festival List: जुलाई 2021 में हैं 13 बड़े तीज त्योहार, जानें दिन व शुभ समय

July 2021 Festival List: digi desk/BHN/ जुलाई का माह अब कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है ऐसे में अगर हिन्दू पंचाग की बात करें तो 24 जून गुरूवार से ही ज्येष्ठ मास का समापन हुआ है और 25 जून शुक्रवार से आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ हुआ है। हिन्दू धर्म में आषाढ़ मास बहुत ही महत्व रखता है इस मास में कई ऐसे त्यौहार शामिल हैं जो अपने आप में काफी महत्वपूर्ण माने गए हैं खास बात तो यह है कि इस माह जो 2 एकादशी पड़ रही हैं वह अन्य एकादशी से खास हैं। चलिए आज हम आपसे जुलाई माह में पड़ने वाले समस्त त्यौहारों के बारे में चर्चा करते हैं और जानते हैं कि इस माह में कौन-कौन से त्योहार पड़ने वाले हैं।

योगिनी एकादशी Yogini Ekadashi 2021

यह तो आप जानते ही हैं कि साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है और हर माह 2 एकादशी पड़ती है। ऐसे में जुलाई माह की अगर बात करें तो 05 जुलाई सोमवार को बहुत ही खास एकादशी का आगमन होने जा रहा है। इस दिन पड़ने वाली एकादशी ‘‘योगिनी एकादशी’’ है। इस दिन आप भगवान विष्णु का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस व्रत को लेकर मान्यता है कि दीर्घायु प्राप्त करने के अलावा यह व्रत कई बीमारियों से आपकी रक्षा करता है एवं घर में सुख-समृध्दि का वास होता है। अगर आप भी इस व्रत को रखना चाहते हैं तो शुभ मुहूर्त के बारे में जरूर जान लें-

योगिनी एकादशी शुभ मुहूर्त Yogini Ekadashi shubh muhurat

4 जुलाई सोमवार के दिन सुबह 07ः55 बजे योगिनी एकादशी व्रत का प्रारम्भ हो रहा है। एवं इसका समापन तिथि 05 जुलाई 2021 रात्रि 22ः30 बजे हो रहा है।

मासिक शिवरात्रि Masik Shivratri 2021

हिन्दू पंचांग के अनुसार यह मास काफी महत्वपूर्ण हैं इसमें 7 प्रदोष व्रत होने के साथ-साथ 8 जुलाई को ‘‘मासिक शिवरात्रि’’ पड़ रही है। इसका मतलब दो दिन लगातार भगवान शिव जी की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। बतादें कि हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का आगमन होता है। यह तिथि भगवान शिव जी को समर्पित है इस दिन अगर आप शिव जी की पूजा अर्चना करते हैं तो भगवान शिव का आशिर्वाद आप पर बना रहता है एंव जीवन से सारी समस्याओं का अंत होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

गुप्त नवरात्रि Gupt Navratri 2021

11 जुलाई 2021 दिन रविवार यानी अषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से “गुप्त नवरात्रि” का प्रारंभ होने जा रहा है, जो 19 जुलाई तक चलेगी। यह समय शक्ति की देवी माता दुर्गा जी की पूजा अर्चना का दिन है। अगर आप माता दुर्गा जी का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो इन 9 दिनो तक व्रत रखकर माता रानी की पूजा अर्चना करें। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि पर पूजा अर्चना करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है एवं सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

जगन्नाथ रथ यात्रा Jagannath Rath Yatra 2021

प्रतिवर्ष आषाढ़ मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है, ये रथ यात्रा 10 दिनों तक चलती है। इस रथ यात्रा का आयोजन उड़ीसा राज्य के पूरी के जगन्नाथ मंदिर से होता है। इस पर्व को लेकर ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के साथ जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। ऐसे में यदि सब कुछ ठीक रहा तो साल 2021 में जगन्नाथ पूरी रथ यात्रा 12 जुलाई से शुरू होकर 20 जुलाई तक रहेगी। वहीं इस दिन यानी 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी भी है जो हिन्दू पंचांग के अनुसार काफी महत्वपूर्ण मानी गई है।

कर्क संक्रांति

अंतरिक्ष में ग्रह और उपग्रह की स्थिति में परिवर्तन हिन्दू पंचाग में बहुत महत्व रखता है। और 16 जुलाई दिन शुक्रवार को सूर्य देव कर्क राशि में प्रवेश करने वाले हैं। इसलिए इस तिथि को ‘‘कर्क संक्रांति’’ के रूप में जाना जाता है। इस तिथि को लेकर ऐसा माना जाता है कि इस दिन से सूर्य देव की दक्षिण की यात्रा शुरू हो जाती है, जो मकर संक्रांति तक चलती है।

देव शयनी एकादशी Dev Shayani Ekadashi 2021

जैसा की हम पहले ही बता चुके हैं कि आषाण मास में पड़ने वाली दोनो ही एकादशी बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। 20 जुलाई दिन मंगलवार को ‘‘देव शयनी एकादशी’’ पड़ रही है जो हिन्दू धर्म के मुताबिक बहुत ही शुभ मानी गई है। इस एकादशी से ही मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत आदि पर अगले चार मास के लिए विराम लग जाएगा। इस दिन से चार महीने तक का समय भगवान विष्णु जी के आराम करने का दिन है और वह इस दौरान निद्राकाल में चले जाते हैं। चलिए इसके शुभ मुहूर्त पर एक नजर डाल लेते हैं।

20 जुलाई दिन मंगलवार को एकदशी पड़ रही है लेकिन इसकी शुरूआत रात्रि 19 जुलाई 09ः59 बजे से शुरू होकर इसका समापन 20 जुलाई शाम 07ः17 बजे से हो रहा है। वहीं पारणा का समय सुबह 05ः17 बजे से 09ः15 बजे तक है।

संकष्टी चतुर्थी या अंगारकी चतुर्थी

पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस साल आषाढ़ मास में यह 27 जुलाई दिन मंगलवार को पड़ रही है। इस तिथि को लेकर ऐसा माना जाता है कि ‘‘संकष्टी चतुर्थी’’ को भगवान गणपति जी की आराधना करके विशेष वरदान मिलता है। साथ ही इस दिन व्रत रखने से पारिवारिक क्लेश भी खत्म होता है और घर में सुख-समृध्दि का वास होता है।

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