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Petrol-Diesel के दाम पर बड़ी खबर, 4.5 रुपए की हो सकती है कटौती, रिपोर्ट में दावा

Petrol-Diesel:digi desk/BHN/ जहां एक ओर कोरोना ने लोगो के रोजगार छीन कर उनकी आर्थिक स्थिति को कमजोर किया है तो वहीं दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम आम जनता की जेब को और ढीली कर रहे हैं। जहां जनता पट्रोल-डीजल के दामोें को कम करने को लेकर सरकार की ओर आश लगाए बैठी है तो वहीं इसके दाम कम होने की बजाए दिन पर दिन बढ़ ही रहे हैं। ऐसे में एक राहत भरी खबर ये आ रही है कि जल्द ही इसके दामों में गिरावट देखी जा सकती है।

रेटिंग एजेंसी इकरा ने दी जानकारी

शनिवार को तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दामों मे इजाफा किया है। रेटिंग एजेंसी इकरा का कहना है कि केन्द्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 4.5 रूपये प्रति लीटर तक की कटौती कर सकती है। इस कटौती के बाद भी सरकार के रेवेन्यू पर कुछ खास असर नहीं पड़ेगा। इकरा ने बताया कि पिछले साल टैक्स में कमी की तो गई थी लेकिन खपत कम रही थी। अब इस साल खपत बढ़ने वाली है। ऐसे में अगर सरकार इस साल टैक्स में कुछ कटौती कर भी देती है तो उसका रेवेन्यू लगभग पिछले साल जितना ही रहेगा। वहीं अगर दूसरी ओर टैक्स में कटौती नहीं होती है तो खपत बढ़ने के साथ ही सरकारी खजाने में ज्यादा रेवेन्यू आएगा।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से आम जनता लगातार बेहाल है। एक ओर केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा ईधन पर भारी-भरकम टैक्स का बोझ आम आदमी का बजट बिगाड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर अंरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बढ़ोत्तरी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। लंबे समय से मंहगाई से त्रस्त जनता के लिए रेटिंग एजेंसी इकरा ने राहत भरी खबर सुनायी है।

पेट्रोल-डीजल में मिलेगी राहत

रेटिंग एजेंसी इकरा के प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने बताया कि ईधन पर केन्द्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स में 4.5 रूपये प्रति लीटर की कटौती से कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स भी लगभग 10 बेसिस प्वाॅइंट यानी 0.10 फीसदी तक कम हो जाएगा। ऐसा होने से आम जनता के किचन का बजट भी ठीक होगा और कंज्यूमर सेंटीमेंट में जल्द रिकवरी देखने को मिल सकती है। इससे आरबीआई मौद्रिक समिति के पास भी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए उपयुक्त कदम उठाने का मौका होगा।

इस तरह इकरा ने किया कैलक्यूलेशन

इकरा के अनुसार पिछले साल की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में सालाना तौर पर पेट्रोल की खपत 14 फीसदी और डीजल की खपत 10 फीसदी तक बढ़ने वाली है। ईधन की बिक्री में कुल बढ़ोत्तरी से वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सरकार का रेवेन्यू 13 फीसदी यानी 40,000 करोड़ रूपये बढ़कर 3,60000 करोड़ रूपये हो जाएगा। वित्त वर्ष 2020-21 में यह अनुमानित तौर पर 3,20,000 करोड़ रूपये है। अगर केन्द्र सरकार इस वर्ष प्रति लीटर ईधन में 4.5 रूपये की कटौती करती है तो इससे आम आदमी को बड़ी राहत पहुंचेगी और केन्द्र सरकार के खजाने पर कोई मार भी नहीं पड़ेगी।

सरकार को जरूरत है सिर्फ 2.40 लाख करोड़ रूपये की

इकरा का कहना है कि अप्रैल-मई 2021 की वास्तविक वैल्यू और जून की अनुमानित वैल्यू के आधार पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पेट्रोल-डीजल से केन्द्र सरकार को रेवेन्यू के तौर पर 80,000 करोड़ रूपये मिलेगें। ऐसे में बाकी जो रकम है वह तिमाही में सरकार 2,40000 करोड़ रूपये का रेवेन्यू चाहिए रहेगा ताकि वह पिछले वित्त वर्ष जितना रेवेन्यू कमा सके। इकरा के इस कैलक्यूलेशन के अनुसार सरकार आने वाले 9 महीने में ही इस रेवेन्यू को कवर कर लेगी।

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