सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ गुरुवार को अमावस्या के मौके पर एक दिन पूर्व ही श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट में हजारों श्रद्धालु पहुंच गए, जिसके बाद प्रशासन ने चित्रकूट में कोरोना कर्फ्यू लागू कर दिया लेकिन गुरुवार को चित्रकूट में चोर रास्तों से हजारों की संख्या में लोग पहुंच गए और कामदगिरी पर्वत पर भगवान कामतानाथ की परिक्रमा शुरू कर दी। चित्रकूट में लगातार बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने जहां प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। यहां आने वाली बस, परिवहन और निजी वाहनों के प्रवेश पर भी रोक के बावजूद उत्तर प्रदेश से चोर रास्तों से लोग प्रवेश कर गए और गुरुवार को कामदगिरि प्रथम मुखारविंद, प्राचीन मुखारविंद मंदिर, लक्ष्मण पहाड़ी, रामघाट में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ पहुंच गए। गुरुवार क सरयू धारा, पीली कोठी व जलेबी गली के पास परिक्रमा कर रहे भक्तों को पुलिस ने रोका भी लेकिन एक के बाद एक लोग पहुंचते रहे।
चित्रकूट धाम में हर अमावस्या को पहुंचती है भीड़
चित्रकूट धाम में हर अमावस्या को मेला लगता है। इस दौरान श्रद्धालु रामघाट में मंदाकिनी में स्नान कर कामदगिरी पर्वत पर विराजित भगवान कामतानाथ के दर्शन करते हैं और कामदगिरी पर्वत की 6 किलोमीटर लंबी परिक्रमा करतें हैं। इसकी अलग ही मान्यता है। इस दौरान फूल, फल, प्रसाद की दुकानें, खिलौंने, अन्य संसाधनों की दुकानें भी सज जाती हैं। देश भर के कोने-कोने से लोग चित्रकूट में अमावस्या स्नान और कामतानाथ के दर्शन के लिए आते हैं। इसकी वजह से परिवहन, बस, आटो की भी जमकर धमाचौकड़ी मचती है। हर अमावस्या लगभग एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचते हैं जिसके लिए मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश का प्रशासन व पुलिस व्यवस्थाओं में जुटा रहता है। इस बार भीड़ नियंत्रण करने के लिए प्रशासन ने एक दिन पूर्व कोरोना कर्फ्यू लगा दिया लेकिन बावजूद भीड़ चित्रकूट में पहुंच गई।