सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने जिले के किसानों से अपील की है कि प्रत्येक तीन वर्ष में मई जून के माह में गहरी जुताई करें। यह जुताई मिट्टी पलटने वाले हर से 9 इंच तक गहरी करने की सलाह भी दी गई है। मई जून के माह में गहरी जुताई करने से खेती में फसल उत्पादन में वृद्धि होती है। मिट्टी भुरभुरी होने पर खेत में वर्षा का पानी अधिक सोखता है व बीज अंकुरण अच्छा होकर फसल वृद्धि अच्छी होती है। वहीं मिट्टी के नीचे की परतों में पल रहे कीट व बीमारियों के अवशेष के अवशेष के भाग भी नष्ट हो जाते हैं।
ग्रीष्म ऋतृ में मिट्टी के उपर बिखरे हुये खरपतवार के बीज मिट्टी के नीचे गहराई में दब जाते हैं व नष्ट हो जाते हैं। गहरी जुताई करने से खेत में पानी अधिक समय तक संरक्षित रहता है। साथ ही खरपतवार का अंकुरण मात्र 20 प्रतिशत ही होता है। जिससे मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्व फसल को मिलते हैं व फसल के उत्पादन में भी वृद्धि होती है। इस विधि से मिट्टी का क्षरण भी कम होती है। मिट्टी के नीचे की सतह में स्थित पोषक तत्व उपर आ जाते हैं और फसल को उपलब्ध हो जाते हैं।