अनूपपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू जैतहरी जिला अनूपपुर के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने संयुक्त किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर रविवार को किसान विरोधी काला कृषि कानून एवं श्रम संहिता की प्रतियां जला कर विरोध व्यक्त किया। आंदोलनकारियों ने महंगाई कम करने, भ्रष्टाचार में लगाम लगाने, युवाओं को रोजगार दिलाने में असफल शिवराज एवं मोदी सरकार को जमकर कोसते हुए कुर्सी खाली करने की मांग रखी।
आंदोलनकारियों ने मोजरबेयर पावर प्लांट जैतहरी के प्रबंधन द्वारा पुनर्वास नीति के शर्तों के अनुसार नौकरी नहीं दिये जाने पर भी आक्रोश ब्यक्त किया एवं जिला के विधायक, सांसद, मंत्री के ऊपर किसानों का जायज एवं कानूनी मांगों को अनदेखा किये जाने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि समय रहते किसानों को पुनर्वास के शर्तों के अनुसार नौकरी नहीं दिये जाने पर उनके निवास स्थान पर धरना प्रदर्शन करने के लिए संघ की आगामी रणनीति होगी।
आंदोलनकारियों ने कहा कि कोविड 19 के प्रोटोकॉल जैसे संकट कालीन समय में मोजरबेयर पावर प्लांट प्रबंधन द्वारा किसानों को पेंशन, डेयरी लाभांश एवं भत्ता का भुगतान माह मार्च 2021 से नहीं किया गया है जिससे किसान बदहाली की हालत में जीने को मजबूर है। संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन के अध्यक्ष जुगुल किशोर राठौर ने बताया कि माह मार्च एवं अप्रैल में मोजरबेयर पावर प्लांट के यूनिट क्रमांक एक-दो में रिपेयरिंग का कार्य प्रसीसियन नामक ठेकेदार को ठेका दिया गया था। ठेकेदार द्वारा काम किये मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। म प्र शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन 323-335/ रुपये है किंतु ठेकेदार मजदूरों को 230 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लेने के लिए मोल-भाव करते मजदूरों को भूखों मरने के लिए मजबूर कर रहा है। इस संबंध में मोजरबेयर पावर प्लांट के प्रबंधन रविंद्र दुबे से चर्चा कर तत्काल भुगतान करवाये जाने के लिए अनुरोध किया गया किंतु पन्द्रह- बीस दिन गुजर गए, मजदूरों को मजदूरी नहीं मिली है इस तरह से मजदूरों का शोषण पावर प्लांट के प्रबंधन के सह पर हो रहा है।